नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कोविड के कारण लागू लॉकडाउन के बाद घरेलू हवाई यात्रा की बहाली के बाद एयरलाइन टिकट की कीमतों की उचित सीमा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। इससे पहले सोमवार को एयरलाइंस एडवाइजरी ग्रुप के साथ हुई बैठक में मंत्री ने अधिकतम टिकट की कीमतों को स्वीकार्य सीमा के भीतर रखने की जरूरत जताई थी और एयरलाइंस को यह संदेश स्पष्ट रूप से दे दिया था।
बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के नौ वर्षो में विमानन क्षेत्र के कामकाज का एक रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए सिंधिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विशेष रूप से गो फस्र्ट की स्थिति और अन्य अप्रत्याशित घटनाओं या आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए अत्यधिक कीमतों से बचना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार दैनिक आधार पर किराए की निगरानी कर रही है। वह कीमतों को न्यायोचित दर से अधिक बढ़ाने की अनुमति नहीं दे सकती।
इससे पहले, किराए को विनियमित करने के प्रयास में एयरलाइनों से कीमतों की स्व-निगरानी करने का आग्रह किया गया था, विशेष रूप से उन मार्गो पर, जो पहले ग्राउंडेड गो फस्र्ट एयरलाइन द्वारा संचालित थे।
सिंधिया ने कहा, "उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हवाई यात्रियों के लिए यात्रा सस्ती और सुलभ रहे, साथ ही विमानन उद्योग के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों को भी ध्यान में रखा जाए।"
मंत्री ने यह भी कहा कि पांच जून को दिल्ली से श्रीनगर जाने का किराया 11,913 रुपये से 18,592 रुपये था, जबकि 6 जून को उसी रूट पर यात्रा करने का किराया 16,506 रुपये था जो 7 जून को घटकर 10,626 रुपये हो गया।
इसी तरह दिल्ली-लेह के लिए यह 8,658 रुपये से 24,644 रुपये था, जो घटकर 9,707 रुपये से 16,034 रुपये रह गया।