दिल्ली में प्रदूषण में कमी के बाद ग्रैप्स के नियमों में दी जा सकती है ढील
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली-एनसीआर में एयर पलूशन की स्थिति में पहले से कुछ सुधार हुआ है। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 'बहुत खराब' से 'खराब' श्रेणी में आने के बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) आज स्थिति की समीक्षा करेगा। आयोग ग्रैप के तीसरे चरण (बहुत खराब) के तहत दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंध हटाने पर फैसला ले सकता है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। आने वाले दिनों में हवाओं की रफ्तार में संभावित वृद्धि के परिणामस्वरूप इसमें सुधार की संभावना जताई गई है। दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर 13 नवंबर तक रोक रहेगी।
कंस्ट्रक्शन और डिमोलेशन कार्यों पर रोक: ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और डिमोलेशन कार्य पर रोक है। ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर को भी संचालित करने की अनुमति नहीं है। सीएक्यूएम ने एक बयान में कहा, '' सीएक्यूएम दिल्ली-एनसीआर के बदलते वायु गुणवत्ता परिदृश्य पर कड़ी नजर रख रहा है। इसके अनुसार…उचित निर्णय की खातिर स्थिति की व्यापक समीक्षा के लिए एक बैठक की जाएगी।
एयर क्वालिटी में सुधार होने की उम्मीद: दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को सुबह 5 बजे 303 रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा कि 10 से 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवा के चलने की उम्मीद के साथ शुक्रवार से वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार होने की भविष्यवाणी की गई है। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 'संतोषजनक', 101 और 200 'मध्यम', 201 और 300 'खराब', 301 और 400 'बहुत खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है।
ग्रैप में क्या-क्या है जरूरी: सीएक्यूएम ने एक आदेश भी जारी किया, जिसमें अधिकारियों से निर्माण स्थलों पर पॉलिशिंग और पेंटिंग का काम तुरंत बंद करने को कहा गया। इसकी वजह है कि इन गतिविधियों से वाष्पशील कार्बनिक यौगिक बनते हैं जो हवा की विषाक्तता को और बढ़ाते हैं। इससे मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। सीएक्यूएम ने आदेश में कहा कि इन गतिविधियों को जीआरएपी के तीसरे चरण के खंड-4(तीन) के तहत निर्माण और विध्वंस गतिविधियों की एक गैर-प्रदूषणकारी श्रेणी के रूप में नहीं माना जा सकता है। जब भी ग्रैप के तीसरे चरण के आदेश लागू होते हैं या संचालन में होते हैं, तो परियोजना स्थलों पर इसे रोकने की आवश्यकता होती है।