दिल्ली में चुनावी शंखनाद के बाद तीनों प्रमुख दलों ने अपने-अपने सियासी योद्धाओं की तलाश शुरू
दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के चुनावी शंखनाद के साथ ही तीनों प्रमुख दलों ने अपने-अपने सियासी योद्धाओं की तलाश शुरू कर दी है। वार्ड परिसीमन के बाद हो रहे चुनाव में सभी दलों की कोशिश मजबूत प्रत्याशी उतारने की है। इसके लिए पार्टियां वार्ड के सियासी समीकरणों की गुणा-गणित अपने-स्तर पर कर रही हैं। इस बार की माथापच्ची इसलिए भी ज्यादा है कि सभी के लिए वार्ड नए हैं। हालांकि, चुनावों की घोषणा के साथ ही तीनों प्रमुख दलों ने अपनी जीत का दावा किया है। दूसरी तरफ चुनाव आठ महीने देरी से कराने पर दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने भी स्पष्टीकरण दिया है।
एमसीडी चुनाव की घोषणा होने के बाद भाजपा, आम आदमी पार्टी व कांग्रेस चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए है। चुनाव तीनों दलों की साख से जुड़ा हुआ है। आम आदमी पार्टी निगम की सत्ता पर काबिज होने की जोर आजमाइश कर रही है। वहीं, भाजपा लगातार चौथी बार एमसीडी की सत्ता हासिल करना चाहती है। कांग्रेस दोबारा से दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करने की जंग लड़ रही है। परिसीमन से इस बार की चुनौती भी नए तरीके की है। फिलहाल वार्ड के हिसाब से सियासी समीकरण बनाए जा रहे हैं। वार्ड की जनसंख्या, उनके जातीय व सामाजिक आधार और उसमें सेंध लगा ले जाने वाले प्रत्याशी की पहचान तीनों दलों की फिलहाल की प्राथमिकता में हैं। तीनों दलों की प्रदेश इकाई ने वार्ड में सक्रिय नेताओं को आवेदन करने का निर्देश दिया है।
राजनीति कार्यक्रम के लिए अनुमति जरूरी: एमसीडी चुनाव की घोषणा होने के साथ आयोग सभी दलों और नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखेगा। इस बारे में प्रशासन एवं पुलिस को निर्देश जारी कर दिए गए है। आयोग के मुताबिक, अब कोई भी दल एवं नेता स्वीकृति लिए बिना जनसभा नहीं कर सकेंगे। इसके बावजूद कार्यक्रम आयोजित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पहले महापौर को मिलेंगे तीन माह: आठ महीने की देरी से होने वाले चुनाव का असर पहले महापौर के कार्यकाल पर प्रभाव पड़ेगा। इनका कार्यकाल करीब तीन माह का ही होगा। क्योंकि डीएमसी एक्ट की धारा दो (67) में एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए वर्ष के दौरान सदन की पहली बैठक में महापौर का चुनाव कराने का प्रावधान है। पहले साल महिला पार्षद को महापौर चुनने की व्यवस्था है। इस तरह महिला पार्षद अपनी बारी के दौरान एक साल के बजाए मात्र करीब तीन माह तक ही महापौर रह सकेगी। इस संबंध में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त विजय देव ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
परिसीमन से लगा आठ महीने का अतिरिक्त समय : दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त विजय देव ने स्पष्ट किया कि एमसीडी चुनाव अप्रैल में कराने की पहले तैयारी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इसी बीच निगमों का एकीकरण कर दिया। इससे चुनाव टालने पड़े थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने डीएमसी एक्ट में संशोधन करते हुए तीनों नगर निगम का विलय करके एमसीडी को अस्तित्व में लाया गया। इसके अलावा केंद्र सरकार ने वार्डों की संख्या 272 से 250 की। इस तरह वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया गया। यह प्रक्रिया पूरी होने में करीब आठ माह लगे। इस तरह दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने आठ माह बाद चुनाव कराने का एलान किया है।
हटाए जाएंगे सियासी बैनर-पोस्टर
दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों के एलान के बाद अब शहर के सभी हिस्सों से राजनीतिक बैनर-पोस्टर हटाए जाएंगे। एमसीडी के अतिरिक्त आयुक्त के नेतृत्व में सभी जोन के अंदर टास्क फोर्स बनाकर कार्रवाई की जाएगी। एमसीडी के अधिकारियों के मुताबिक शनिवार से ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
नई घोषणाओं, उद्घाटन और शिलान्यास पर रोक
राजधानी में शुक्रवार की शाम से घोषणाएं, उद्घाटन और शिलान्यास होने का सिलसिला थम गया। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एमसीडी चुनाव की घोषणा करने के साथ-साथ आचार संहिता लागू कर दी है। लिहाजा केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी मतदाताओं को रिझाने वाला कोई फैसला नहीं ले सकेंगी। इसके अलावा वे दिल्ली में न किसी योजना का उद्घाटन कर सकेगी। इसी तरह नई योजनाओं का शिलान्यास भी नहीं हो सकेगा, मगर वर्तमान में चल रही योजनाओं का कार्य बदस्तूर जारी रहेगा।
सफाई के मुद्दे पर मतदान करेगी जनता: केजरीवाल
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के एमसीडी चुनाव की घोषणा करते ही आम आदमी पार्टी सक्रिय हो गई। आप नेताओं ने ट्वीट करने के साथ-साथ मीडिया के माध्यम से दावे किए। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 15 साल में भाजपा ने पूरी दिल्ली में कूड़ा फैला दिया है। जनता चार दिसंबर को दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए वोट देगी। इस बार दिल्लीवासी एमसीडी में भी आम आदमी पार्टी को चुनेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि इस बार एमसीडी में भी केजरीवाल होंगे। दिल्ली चार दिसंबर को झाड़ू पर बटन दबाएगी और सात दिसंबर से दिल्ली को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त बनाने का अभियान युद्ध स्तर पर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि एमसीडी चुनाव के बाद उसके स्कूलों में पढ़ रहे सात लाख बच्चों की पढ़ाई भी शानदार स्कूलों में होगी, वहीं आप के दिल्ली प्रदेश के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि भाजपा ने एमसीडी चुनाव टालने की लाख कोशिशों के बाद भी चार दिसंबर को चुनाव की घोषणा हुई।
आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी चुनाव का जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है, क्योंकि जब लोग घर से बाहर निकलते है तो उनको अपनी गली व नाली में कूड़ा मिलता है और जब वह सड़क से गुजरते हैं तो उनको तीन-तीन कूड़े के पहाड़ मिलते है। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली सबसे गंदा शहर है।