सीबीआई के एफआईआर में दवे के बाद मनीष सिसोदिया कहा: CBI एक-दो दिन में मुझे भी गिरफ्तार कर लेगी

Update: 2022-08-20 11:11 GMT

नई दिल्ली न्यूज़: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीआई की छापेमारी के बाद शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने विवादों में घिरी नई आबकारी नीति को बेस्ट पॉलिसी करार दिया। उन्होंने कहा कि जिस आबकारी नीति को लेकर यह विवाद खड़ा किया जा रहा है, वह इस देश की बहुत अच्छी नीति है। अगर दिल्ली के उपराज्यपाल साहब ने 48 घंटे पहले उस नीति को हटाने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो आज दिल्ली को 10,000 करोड़ रुपए का फायदा होता। सिसोदिया ने कहा कि अगले 2 से 3 दिन में CBI मुझे गिरफ़्तार कर लेगी और मेरे अलावा कई सारे आम आदमी के नेताओं को भी गिरफ़्तार करेगी। हम भगत सिंह की संतान हैं। हम आपकी CBI, ED से डरने वाले नहीं है, हम आपके पैसों के आगे बिकने वाले लोग नहीं है। आप हमको नहीं तोड़ पाओगे।

उन्होंने कहा कि अगर इनको शराब के घोटाले की चिंता होती तो यह लोग गुजरात में CBI का पूरा मुख्यालय शिफ्ट करा देते जहां हर साल 10,000 करोड़ रुपए की एक्साइज चोरी होती है… इनको परेशानी अरविंद केजरीवाल से है। पंजाब चुनाव के बाद उनको राष्ट्रीय विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा है। सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश के लोग इनसे (केंद्र सरकार से) दुखी हैं। जनता सरकार चुनती है और मोदी जी 24 घंटे उसे गिराने में लगे रहते हैं। जनता ने आपको देश का प्रधानमंत्री बनाया है, आप देश के लिए सोचिए। मोदी जी बस सरकारें गिराने का सपना देखते हैं। उनको कोई और सपना ही नहीं आता। मनीष सिसोदिया ने कहा कि अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कल फ्रंट पेज पर दिल्ली के शिक्षा मॉडल को कवर किया था। यह भारत के लिए गर्व की बात है। करीब डेढ़ साल पहले उनकी तरफ से एक और स्टोरी छापी गई थी, जिसमें गंगा के पास हजारों शव दिखाए गए थे। मैं किसी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हूं। मेरी एक ही गलती है कि मैं अरविंद केजरीवाल सरकार का शिक्षा मंत्री हूं। केजरीवाल को रोकने के लिए साजिश के तहत मेरे यहां सीबीआई रेड हुई है। केजरीवाल के पक्ष में देशभर में माहौल बन रहा है।

वहीं, दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कल मैं बिन बुलाए, अनचाहे मेहमानों के बीच था, जिनके बीच रहना कोई पसंद नहीं करता। उसके बाद मुझे लगा कि मैं यहां (कार्यक्रम में) आऊं या नहीं आऊं। मुझे लगा कि मैं यह काम करने के लिए हूं न कि वह जो कल करना पड़ा।

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