नई दिल्ली, (आईएएनएस)| काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने गुणवत्तापरक शोध को प्रोत्साहित करने के लिए फास्ट-इंडिया फाउंडेशन ऑफ एडवांसिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली के साथ समझौता किया है। इस समझौते का मूल उद्देश्य बीएचयू में उच्च गुणवत्ता वाले शोध को आगे बढ़ाना है। फास्ट-इंडिया एक गैर लाभकारी संस्था है जो वैज्ञानिक शोध व जानकारी के लिए क्षमता निर्माण व नीतिगत समाधानों के प्रोत्साहन पर कार्य करती है। साथ ही, नई वैज्ञानिक जानकारी के सृजन व वितरण के लिए कार्य करती है। सहमतिपत्र पर फास्ट इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयंत कृष्णा तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ओर से कुलसिचव के प्रभार में वित्ताधिकारी डॉ. अभय ठाकुर ने कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। जयंत कृष्णा ने बताया कि फास्ट इंडिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शोध प्रक्रियाओं व क्षमताओं को और सशक्त व प्रभावी बनाने के तरीकों की पहचान करेगी, ताकि विश्वविद्यालय में शोध वातावरण में सुधार आए।
उन्होंने बताया कि मौजूदा प्रक्रियाओं व व्यवस्थागत ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए उपाय सुझाए जाएंगे और इन सुझावों को लगू करने में विश्वविद्यालय की मदद की जाएगी। इससे काशी हिंदू विश्वविद्यालय की शोध रैंकिंग में भी सुधार होगा।
सहमतिपत्र के तहत फास्ट-इंडिया और काशी हिंदू विश्वविद्यालय उन नए अवसरों तथा तरीकों की पहचान करेंगे, जिनसे विश्वविद्यालय में शैक्षणिक ढांचे में और सुधार आए। यह सहमतिपत्र शुरुआत में नौ महीने के लिए लागू रहेगा और प्रदर्शन के आधार पर जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ाया जाएगा।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता शोध को प्रोत्साहित करना तथा शोध अनुकूल वातावरण तैयार करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा है कि इस के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। फास्ट-इंडिया के साथ सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर इसी दिशा में उठाया गया कदम है।