राजधानी दिल्ली में 14 अप्रैल से आओ स्कूल चलें अभियान की शुरुआत

Update: 2022-04-13 13:43 GMT

दिल्ली एजुकेशनल न्यूज़: दिल्ली के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चे विभिन्न कारणों से स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। ड्रॉप आउट की यह समस्या सालों से दिल्ली में चली आ रही है। इसके अलावा बीते दो वर्षों में आयी कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के बाद भी हजारों बच्चे स्कूलों से दूर हो गए हैं।

डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर दिल्ली में शुरू होगी यह पहल: दिल्ली में ऐसे ही बच्चों को स्कूलों में दाखिले के लिए दिल्ली के अतिथि शिक्षक अब प्रेरित करेंगे। अतिथि शिक्षकों का संगठन आल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन ऐसे बच्चों के लिए 14 अप्रैल से आओ स्कूल चलें अभियान की शुरूआत कर रहा है। संगठन के महासचिव शोएब राणा ने बुधवार को इस पहल के बारे में बताया कि वह आल इंडिया पैरेंट एसोसिएशन के साथ मिलकर डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर दिल्ली में यह अभियान शुरू करने जा रहे हैं।

दिल्ली के 675 स्लम क्षेत्रों में हैं सबसे ज्यादा बच्चे, जिन्होंने स्कूल छोड़ा: इसमें उन बच्चों के बारे में पता लगाया जाएगा जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे या बिल्कुल स्कूल नहीं गए। ऐसे बच्चों के अभिभावकों से बातचीत कर उन्हें बच्चे को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिसके बाद बच्चे का एडमिशन किसी स्कूल में करा दिया जाएगा। दिल्ली में एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन 10 लाख ऐसे बच्चे हैं जो कभी स्कूल नहीं गए या किसी कारण से उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। सबसे ज्यादा ये समस्या दिल्ली के 675 स्लम क्षेत्रों में देखने में आयी है।

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