25 वर्षीय मरीज की छाती से निकला फुटबॉल से भी बड़े आकार का ट्यूमर, डॉक्टर की हैरान

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Update: 2021-10-21 12:03 GMT

दिल्ली के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने 25 वर्षीय मरीज की छाती से 13.82 किलोग्राम वजनी ट्यूमर निकाला है। इस ट्यूमर ने मरीज की छाती में 90 फीसदी से अधिक जगह घेर रखी थी जिसके चलते फेफड़ों की क्षमता भी 90 फीसदी घट चुकी थी, दोनों फेफड़े केवल 10 फीसदी क्षमता से काम कर रहे थे। यह ट्यूमर फुटबॉल से भी बड़े आकार का था। इस मरीज की सर्जरी कर ट्यूमर निकालने वाले फोर्टिस अस्पताल का दावा है कि यह दुनिया में अभी तक छाती का सबसे बड़े आकार का ट्यूमर था। इससे पहले छाती में सबसे बड़े आकार का ट्यूमर गुजरात में एक मरीज के सीने से निकाला गया था जिसका वजन 9.5 किलोग्राम था।

दिल्ली निवासी मरीज देवेश शर्मा को बेहद गंभीर हालत में फोर्टिस अस्पताल लाया गया था। वह सांस नहीं ले पा रहे थे और उनके सीने में बेचैनी थी। पिछले 2-3 महीनों से तो वह सांस की तकलीफ के चलते बिस्‍तर पर सीधे लेटकर सो भी नहीं सकते थे। अस्पताल में जांच के बाद पता चला कि उनके सीने में एक बड़े आकार का ट्यूमर था जो छाती में करीब 90 फीसदी जगह घेरे हुए था और इसने न सिर्फ हृदय को ढक रखा था बल्कि दोनों फेफड़ों को भी अपनी जगह से हिला दिया था।

अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर उद्गीथ धीर ने बताया कि इस दौरान मरीज छाती को दोनों तरफ से खोला गया तथा बीचों-बीच मौजूद छाती की मुख्‍य हड्डी (स्‍टरनम) को काटना पड़ा था। इतने बड़े आकार के ट्यूमर को मिनीमल सर्जरी से हटाना नामुमकिन था और ऐसे में छाती को पूरा खोलने के सिवाय कोई विकल्‍प नहीं था। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, मरीज के शरीर में पर्याप्‍त रक्‍त प्रवाह को बनाए रखना सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण था। इस प्रकार की सर्जरी में काफी सावधानी की जरूरत होती है क्‍योंकि जरा भी चूक मरीज़ के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। भारी ट्यूमर के चलते यह काफी जोखिमपूर्ण सर्जरी थी और अनेक रक्‍तवाहिकाओं के चलते सर्जरी करना मुश्किल था क्‍योंकि ट्यूमर को नियंत्रित करना तथा ट्यूमर कैपसूल को संभालना भी जरूरी था। मरीज देवेश शर्मा ने बताया कि सर्जरी से पहले इस ट्यूमर की वजह से उनका वजन 82 किलोग्राम हो गया था लेकिन सर्जरी के बाद मैं काफी हल्का महसूस करने लगा। सर्जरी के बाद मरीज का वजन सिर्फ 69 किलो रह गया था।

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