एक शख्स ने नोएडा के सेक्टर-44 के 450 मीटर प्लॉट के लिए 1,100 करोड़ रुपये की लगाई बोली
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा प्राधिकरण की आवासीय भूखंड योजना में नीलामी चल रही है। शहर में भूखंड पाने के लिए ऑनलाइन बोली से जुड़े दिलचस्प तथ्य सामने आ रहे हैं। सेक्टर-44 में 450 वर्ग मीटर भूखंड के लिए एक शख्स ने 1,099 करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगा दी। इस तरह के करीब 15 मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें लोगों ने प्राधिकरण की उम्मीद और बाजार दरों के मुकाबले कहीं ज्यादा बोली लगाई हैं। बड़ी बात यह है कि अधिक बोली लगाकर भूखंड नहीं लेने वालों की ओर से जमा की गई 10 प्रतिशत अर्नेस्ट मनी जब्त करने का प्रावधान है। वहीं, दूसरी ओर आवसीय भूखंड पाने के लिए ऑनलाइन बोली की प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो गई।
बाजार से 100 गुना ज्यादा कीमत पर बोलियां लगीं: प्राधिकरण ने पिछले महीने 241 आवासीय भूखंडों की योजना निकाली थी। जिसमें से 184 भूखंडों के लिए नियमों के तहत आवदेक आ गए। भूखंड लेने के लिए अब आवेदकों को ऑनलाइन बोली लगानी होती है। इस प्रक्रिया की शुरुआत 19 अक्तूबर से हुई, जो शुक्रवार को समाप्त हो गई। खास बात यह है कि प्राधिकरण ने ऑनलाइन बोली की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वालों के लिए ट्रेनिंग, वर्कशॉप और बोली लगाने के हर स्टेप की जानकारी पहले दी थी। इसके बावजूद करीब 10 मामलों में लोगों ने काफी अधिक कीमत पर जाकर बोली लगा दी हैं।
कैसे कैसे बोली लगाने वाले:
1. इस नीलामी से जुड़े प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-44 के बी ब्लॉक में प्लॉट नम्बर 143-बी है। इस भूखंड के लिए ऑनलाइन बोली की प्रक्रिया हुई। यह भूखंड 450 वर्ग मीटर का है। इस भूखंड के लिए बोली 9 करोड़ 31 लाख 21 हजार 875 रुपये से शुरू हुई। खास बात यह है कि एक शख्स ने अधिकतम बोली 1,099 करोड़, 82 लाख 71 हजार 875 रुपये लगा दी है। यह बाजार से करीब 100 गुना ज्यादा कीमत है। अगर जमीन की प्रति वर्ग मीटर कीमत का आंकलन किया जाए तो 2.44 करोड़ रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से बोली लगाई गई है।
2. एक दूसरे मामले में सेक्टर-151 में 250 वर्ग मीटर का भूखंड पाने के लिए एक शख्स ने 15 करोड़ 80 लाख 55 हजार रुपये तक की बोली लगाई है। जबकि बोली की शुरुआत 1 करोड़ 41 लाख 55 हजार रुपये से हुई थी।
3. सेक्टर-121 में एक भूखंड के लिए 49 करोड़ रुपये तक की बोली लगाई गई है।
4. इससे पहले सेक्टर-105 में 112 मीटर भूखंड के लिए 11 करोड़ 92 लाख रुपये तक की बोली लगी है। जबकि उसका रिजर्व प्राइज करीब 93 लाख रुपये था।
ट्रेनिंग के बावजूद लोग कर रहे हैं गलतियां: इस बारे में नोएडा प्राधिकरण की ओएसडी ज्योत्सना यादव का कहना है कि ऑनलाइन बोली में हिस्सा लेने वालों के लिए ट्रेनिंग आयोजित की गई थी। स्क्रीन शॉट के जरिए कैसे-कैसे करना है, पूरी प्रक्रिया बताई गई थी। यही नहीं साफ तौर पर बताया गया कि अंकों में राशि डालने पर शब्दों में उसे पढ़ने के बाद ही सहमति दें। इसके बावजूद लोग गलती कर रहे हैं। अब तक ऐसे करीब 15 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि आवेदन करते समय लोगों ने भूखंड की रिजर्व प्राइज की पांच प्रतिशत राशि पहले जमा की थी। उसमें से 10 प्रतिशत तक राशि जब्त करने का नियम है।
सिस्टम बोली की कीमत पर दो बार लेता है सहमति: खास बात यह है कि अंकों में भूखंड की कीमत डालने के बाद उसी के पास शब्दों में वह राशि लिखकर आती है। यही नहीं राशि लिखने पर बटन दबाते समय दो बार सिस्टम पूछकर सहमति मांगता है। इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है। इसके बावजूद लोग गलती कर रहे हैं या जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।