मोबाइल ऐप्स के जरिये लोन देकर वसूले गए 500 करोड़, चीन भेजा जाता था डाटा

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Update: 2022-08-21 10:09 GMT
नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों से फटाफट लोन के नाम पर वसूली करने वाले रैकेट में शामिल 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक कॉल सेंटर से चीनी नागरिक इस रैकेट का संचालन कर रहे थे। ये लोग करीब 100 मोबाइल ऐप्स के जरिये ग्राहकों को संवेदनशील डाटा जुटाते थे और इसे चीन और हांगकांग में स्थित सर्वर अपलोड करते थे।
दो महीनों से रैकेट पर थी पुलिस की नजर
NDTV के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो महीनों से इस रैकेट पर नजर रखी जा रही थी। इनका नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों तक फैला हुआ है। रैकेट में शामिल आरोपी लोगों को मोबाइल ऐप के जरिये ग्राहकों को छोटा लोन देते थे। ग्राहक जब मोबाइल ऐप्स डाउनलोड कर उसे जरूरी परमिशन देते तो कुछ ही मिनटों में लोन उसके खाते में पहुंच जाता था। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता था।
ग्राहकों को किया जाता था परेशान
दिल्ली पुलिस के अधिकारी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि लोन मिलने के बाद रैकेट में शामिल आरोपी अलग-अलग मोबाइल नंबरों से ग्राहकों को फोन करते थे। ये लोग अश्लील तस्वीरें इंटरनेट पर शेयर करने की धमकी देकर लोगों से वसूली करते थे। बदनामी के डर से ग्राहक इन्हें पैसे चुकाते रहते थे, जिन्हें बाद में हवाला के जरिये चीन भेजा जाता था। पुलिस के अनुसार, रैकेट में शामिल लोग रोजाना एक करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली करते थे।
इन ऐप्स के जरिये बनाते थे लोगों को निशाना
ग्राहकों को कैश पोर्ट, रूपी वे, लोन क्यूब, वॉव रूपी, स्मार्ट वॉलेट, जायंट वॉलेट, हाय रूपी, स्विफ्ट रूपी, वॉलेट्विन, फिशक्लब, याहकैश, आईएम लोन, ग्रोट्री, मैजिक बैलेंस, योकैश, सुपरकॉइन और रेड मैजिक नामक ऐप्स के जरिये लोन दिया जाता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 51 मोबाइल फोन, 25 हार्ड डिस्क, नौ लैपटॉप, 19 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, तीन कारें और चार लाख रुपये कैश बरामद किया है। इसके अलावा कुछ अन्य सामान की भी जब्ती हुई है।
चीन भेजे जा चुके हैं 500 करोड़ रुपये- पुलिस
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि इस पूरे नेटवर्क के पीछे चीनी नागरिक का हाथ हैं। पुलिस ने कुछ चीन के नागरिकों की पहचान भी कर ली है और अब उनका पता लगाकर गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभी तक भारतीय ग्राहकों से करीब 500 करोड़ रुपये लूटकर चीन भेजे जा चुके हैं। ताजा कार्रवाई के बाद अब ये लोग अपने कॉल सेंटर भारत से हटाकर पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में शिफ्ट कर रहे हैं।
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