एनसीआर नॉएडा में 5 हजार करोड़ का डेटा सेंटर बनकर हुआ तैयार

Update: 2022-07-27 06:26 GMT

एनसीआर नॉएडा न्यूज़: ग्रेटर नोएडा में 5000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा उत्तर प्रदेश का पहला डेटा सेंटर बनकर तैयार हो गया है। महज 2 वर्ष के रिकॉर्ड टाइम में यह परियोजना पूरी हुई है। अब अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इसकी शुरुआत करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्रेटर नोएडा आएंगे। पीएमओ और सीएमओ कार्यक्रम तय कर रहे हैं। आपको बता दें कि हीरानन्दनी समूह ने इस डेटा सेंटर का निर्माण किया है।

यूपी में 5000 करोड़ रुपये से बना पहला डेटा सेंटर पार्क: यह उत्तर प्रदेश में 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना पहला डेटा सेंटर पार्क है। अब यह शुरू होने के लिए तैयार है। मुंबई के हीरानंदानी समूह ने इसे विकसित किया है। करीब 3 लाख स्वायर फुट परिसर में फैले इस डेटा सेंटर पार्क को महज 24 महीने में तैयार किया गया है। राज्य मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस के बाद इस डेटा सेंटर पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। कार्यक्रम ऑनलाइन होगा या पीएम ग्रेटर नोएडा आएंगे, इसे लेकर अभी अंतिम रूपरेखा तैयार नहीं हुई है।

सेंटर को योट्टा डी-1 नाम दिया गया: ग्रेटर नोएडा में शुरू होने जा रहे इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर की पहली बिल्डिंग को "योट्टा डी-1" नाम दिया गया है। दरअसल, प्रोजेक्ट का नाम योट्टा डेटा पार्क है। डेटा सेंटर की इस एक बिल्डिंग की क्षमता 5000 सर्वर रैक की है। यहां 28.8 मेगावॉट आईटी पॉवर की सुविधा मिलेगी। जिससे तकरीबन 48 घण्टों का आईटी पॉवर बैकअप मिल सकता है। आपको बता दें कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 में हीरानंदानी समूह के मुखिया निरंजन हीरानंदानी आए थे। उन्होंने कहा था कि देश और प्रदेश के आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का योगदान बुलेट ट्रेन की तरह है। उन्होंने प्रदेश सरकार की नीति और नीयत की खुले मन से सराहना की थी।

फास्टट्रैक मॉड में यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ: ग्रेटर नोएडा के यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की निर्णय लेने की क्षमताओं का एक प्रतीक है। निरंजन हीरानन्दानी ने लखनऊ में अपना अनुभव साझा करते हुए बताया था, "अगस्त 2020 में हमारी बातचीत उत्तर प्रदेश सरकार से शुरू हुई और अक्टूबर 2020 में हमें जमीन आवंटित हो गई। दिसंबर 2020 में परियोजना का शिलान्यास हुआ। जनवरी 2021 में परियोजना के लिए आवश्यक क्लियरेंस मिल गईं और मार्च 2021 से डाटा सेंटर का निर्माण शुरू हो गया।" महज एक सप्ताह में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने भूमि आवंटन से लेकर कब्जा देने, रजिस्ट्री और नक्शे पास करने जैसी प्रक्रियाएं पूरी करके रिकॉर्ड कायम किया था।

यूपी में तीन और डेटा सेंटर हो रहे तैयार: उत्तर प्रदेश में तीन डेटा सेंटर पार्क बन रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत का डेटा एनालिटिक्स उद्योग 16 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। ऐसे में डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार खास ध्यान दे रही है। सरकार नई नीति पेश की। जिसके तहत देश और विदेश के कई निवेशक लगभग 15,950 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करके यूपी में 4 डाटा सेन्टर पार्क की स्थापना कर रहे हैं। इनमें 9,134.90 करोड़ रुपये के निवेश वाली हीरानन्दानी समूह की एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी सबसे आगे है। जापान की कम्पनी एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 1,687 करोड़ रुपये निवेश कर रही है। इनके अलावा 2,414 करोड़ और 2,713 करोड़ रुपये की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं।

क्या है डेटा सेंटर पार्क: डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह होता है। यहां बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण किया जाता है। डाटा प्रोसेसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियां इसका उपयोग करती हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के अलावा बैंकिंग, खुदरा बाजार, स्वास्थ्य सेवाएं, यात्रा, पर्यटन और अन्य ट्रांजेक्शन में बहुत अधिक डेटा पैदा होता है। जिसके संग्रहण के लिए डेटा सेंटर की बड़ी जरूरत है। आने वाले वक्त में इसकी मांग बढ़ती जाएगी। फिलहाल देश का अधिकांश डेटा देश के बाहर संरक्षित किया जा रहा है। मसलन, अमेजॉन, एपल, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट की वित्तीय मजबूती में डेटा का बड़ा योगदान है। ये कम्पनियां किराए पर डेटा स्पेस उपलब्ध करवा रही हैं।

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