नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत से वारंट मिलने के बाद दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में एक घर से 14 आवारा (स्ट्रीट) कुत्तों को बचाया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि कुत्तों को बिजली, उचित पोषण या देखभाल के बिना घर में कैद कर रखा गया था और वे दयनीय स्थिति में थे। पुलिस के अनुसार, ग्रेटर कैलाश-1 की रहने वाली एक महिला पिछले 2-3 वर्षों से उचित पोषण, देखभाल और सुरक्षा के बिना अपने फ्लैट के अंदर 15-16 स्ट्रीट कुत्तों को पाल रही थी।
दक्षिण दिल्ली के डीसीपी चंदन चौधरी ने कहा कि उनका कचरा, पेशाब और मल उसके फ्लैट के बाहर तथा पूरी सीढ़ियों पर बिखरा हुआ था। फ्लैट के आसपास के क्षेत्र की सामान्य स्वच्छता बहुत दयनीय थी। उनके फ्लैट के आसपास के इलाके में हर तरफ दुर्गंध फैली हुई थी। तदनुसार, वीके सिन्हा की शिकायत पर, जीके-आई पुलिस स्टेशन में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच की गई।
जांच के दौरान, साइट का दौरा किया गया और कथित महिला से बार-बार कुत्तों को उनके इलाज के लिए एसपीसीए/एमसीडी टीमों को सौंपने का अनुरोध किया गया, लेकिन वह अड़ी रही और सहयोग नहीं कर रही थी।
डीसीपी ने आगे कहा कि यह भी देखा गया कि महिला का स्वास्थ्य और रहने की स्थिति ठीक नहीं थी क्योंकि वह बिना बिजली वाले फ्लैट में 14 -15 स्ट्रीट कुत्तों के साथ रह रही थी। कुत्तों को ठीक से खाना नहीं दिया गया था और उन्हें बेहद दयनीय स्थिति में फ्लैट के अंदर कैद किया गया था।
फिर अदालत से एक सर्च वारंट जारी किया गया और फिर से महिला से कुत्तों को उनके इलाज के लिए एसपीसीए टीम को सौंपने का अनुरोध किया गया, लेकिन महिला ने कानूनी निर्देशों का पालन नहीं किया।
डीसीपी ने आगे कहा कि घरों में बंद स्ट्रीट डॉग्स (आवारा कुत्तों) की जान बचाने के लिए गुरुवार को दिल्ली पुलिस, एमसीडी और एसपीसीए की संयुक्त बैठक हुई। एमसीडी और एसपीसीए के विशेषज्ञों ने साइट का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में जिक्र किया गया कि कुत्ता का बचना बहुत जरूरी है। बाद में टीमें मौके पर पहुंची और कथित महिला की मौजूदगी में बचाव अभियान चलाया गया।
टीम ने कुत्तों को बचाया। इसके बाद उचित देखभाल के साथ पशु चिकित्सकों की उपस्थिति में कुत्तों को पशु वैन से इलाज के लिए पशु चिकित्सा अस्पताल दिल्ली ले जाया गया। अधिकारी ने यह भी कहा कि कथित महिला की उसके वकील की उपस्थिति में आईएचबीएएस टीम द्वारा काउंसलिंग की गई।