नई दिल्ली (आईएएनएस)| जी20 की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय कई नई पहल लेकर आया है। मंत्रालय का मूल उद्देश्य देशभर में मूलभूत शिक्षा और साक्षरता ज्ञान को बढ़ावा देना है। मंत्रालय के मुताबिक अभी तक आयोजित कार्यक्रम में 5.01 लाख स्कूलों के 1.19 करोड़ छात्रों और 13.9 लाख शिक्षकों सहित 1.53 करोड़ की भागीदारी हुई है। शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि बड़ी संख्या में छात्रों की भागीदारी के अलावा समुदाय के 19.5 लाख सामान्य लोगों ने इसमें भाग लिया है, जो न केवल अभूतपूर्व है, बल्कि जनसमुदाय के बीच इस कार्यक्रम के प्रति रुचि और जुड़ाव को भी दर्शाता है।
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि जन भागीदारी का पूरा कार्यक्रम एक शानदार सफलता का पर्याय बन गया है। जी20 की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय इस प्रकार की गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में 'मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित करने (एफएलएन)' को बढ़ावा देना और उसका समर्थन करना है।
इस उद्देश्य के अनुसरण में शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी की है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने के लिए देश भर में जनभागीदारी कार्यक्रम हो रहा है।
इस संदर्भ में एक से 15 जून, 2023 तक कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों, सेमिनारों और सम्मेलनों सहित कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है। इन कार्यक्रमों का आयोजन देश भर में राज्य, जिला, ब्लॉक, पंचायत और विद्यालय स्तर पर व्यापक रूप से किया जाएगा और ताकि हर वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किया जा सके।
जनभागीदारी कार्यक्रम 19 से 21 जून, 2023 के बीच महाराष्ट्र के पुणे में मुख्य कार्यक्रम अर्थात चौथी शिक्षा कार्य समूह (चौथी एडडब्ल्यूजी) चर्चा का नेतृत्व करेगा और 22 जून, 2023 को शिक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक के साथ सम्पन्न होगा।
महाराष्ट्र के पुणे में 17 से 22 जून, 2023 तक स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी । 17 और 18 जून, 2023 को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
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