दिल्ली एनसीआर न्यूज़: हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए सभी प्राइवेट स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए फॉर्म-6 भरना अनिवार्य कर दिया गया है और सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिया है कि वे उसको ठीक प्रकार से भरकर जमा कराएं। जो स्कूल फार्म 6 जमा नहीं कराएगा वह किसी भी प्रकार से फीस वृद्धि करने का हकदार नहीं होगा। हरियाणा अभिभावक एकता मंच का आरोप है कि फार्म 6 जमा करने की तारीख तीन बार बढ़ाने के बाद भी स्कूल संचालकों ने उसको जमा नहीं कराया है इसके बावजूद उन्होंने शिक्षा सत्र 2022 - 23 के लिए नए दाखिलों में ट्यूशन फीस व अपनी मर्जी से बनाए गए गैरकानूनी फडों में बेतहाशा वृद्धि करके अभिभावकों से फीस वसूल ली है इसके अलावा पुराने छात्रों को भी बढ़ी हुई फीस जमा कराने को कहा है। फरीदाबाद में सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड के 500 स्कूलों में से सिर्फ 50-60 स्कूलों ने ही फार्म 6 जमा कराया है। इनमें भी अधिकांश हरियाणा बोर्ड के स्कूल हैं।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि मंच की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा व शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर ऐसे स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है। गौरतलब है कि शिक्षा निदेशालय ने फार्म 6 भरने की अवधि को तीसरी बार बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया था पहले यह तारीख 4 मार्च व 15 फरवरी थी। मंच का कहना है कि बार बार तारीख बढ़ाना प्राइवेट स्कूल संचालकों को मनमर्जी फीस बढ़ाने का मौका देना है। सरकार वही करती है जो स्कूल संचालकों के हित में होता है। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस बीरदी ने कहा है कि एक अप्रैल से शिक्षा सत्र 2022-23 शुरू होने वाला है। स्कूल संचालकों ने इस शिक्षा सत्र के लिए नए दाखिले करके मनचाही फीस बढ़ाकर प्राप्त कर ली है और पुराने छात्रों से भी बढ़ी हुई फीस वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है इसके बाद फार्म 6 जमा होने का कोई महत्व नहीं रह जाएगा।