नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया"नेहरू काम से जाने जाते थे
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी किए जाने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच नई लड़ाई शुरू हो गई है. इसी बीच राहुल गांधी ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नेहरूजी की पहचान उनके नाम से नहीं, बल्कि उनके काम से है.
"नेहरू जी की पहचान उनके कर्म से..."
लेह की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर एएनआई से बात करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, "नेहरू जी की पहचान उनके कर्म से है, उनके नाम से नहीं है. नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी करने पर बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग जारी है. इससे पहले केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के स्वतंत्रता संग्राम में जवाहरलाल नेहरू के महान योगदान को कभी नहीं छीन सकते.
एनएमएमएल का नाम 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी कर दिया गया. इसी साल जून में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया था .अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसको अमली जामा पहना दिया गया है.
रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, ''आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है. विश्व प्रसिद्ध नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) बन गया है.''
"नेहरूवादी विरासत को ग़लत ठहराना..."
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है. उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को ग़लत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है. उन्होंने ‘एन' को मिटाकर उसकी जगह ‘पी' लगा दिया है. यह पी वास्तव में ‘पीटीनेस' (ओछापन) और ‘पीवी' ( द्धेष) को दर्शाता है.