चीन: 'ताइवान कार्ड' पर भड़के ग्‍लोबल टाइम्‍स, भारत को दी ये धमकी, कहा- आग के साथ...

ताइवान के नेशनल डे पर हुई भारतीय मीडिया की कवरेज से चीन को मर्ची लगी है।

Update: 2020-10-14 03:04 GMT

ताइवान के नेशनल डे पर हुई भारतीय मीडिया की कवरेज से चीन को मर्ची लगी है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लेख लिखकर कहा है कि भारत आग से खेल रहा है। इसके अलावा भी, ग्लोबल टाइम्स ने लेख में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद, भारत-अमेरिका की दोस्ती समेत कई मुद्दों का जिक्र किया है। दरअसल, चीन को ताइवान मुद्दे पर हमारे सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित संपादकीय ''अ रिमाइंडर फॉर चाइना: इंडिया इज फ्री'' से मिर्ची लगी। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि संपादकीय में ताइवान के राष्ट्रीय दिवस का जश्न मनाने वाले कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट्स को सही ठहराने का प्रयास किया गया। इसके अलावा, भारत को अपने लोकतंत्र पर गर्व है। यहां फ्री और जीवंत मीडिया है।

चीन के विश्लेषक ली किंगकिंग द्वारा ग्लोबल टाइम्स में लिखे गए लेख में कहा गया है कि चीन अन्य देशों को अपनी संप्रभुता के बारे में गलत बोलने की इजाजत नहीं देगा और इसका लोकतंत्र या फिर स्वतंत्रता से कोई लेना-देना नहीं है। भारत ने एक-चीन नीति को मान्यता दी है, और यह चीन-भारत राजनयिक संबंधों की नींव है। कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट्स ने ताइवान के नेशनल डे का जश्न मनाते हुए वन-चाइना नीति को रद्द कर दिया है और जब चीनी दूतावास ने इस मुद्दे को बताया तो उन्होंने अपनी गलत स्थिति को सुधारने से भी इनकार कर दिया।



लेख में आगे कहा गया कि चीन-भारत सीमा तनावों की पृष्ठभूमि में कुछ भारतीय मीडिया ताइवान के मुद्दे को काफी उठा रहे हैं। सितंबर में, भारतीय मीडिया आउटलेट ने खबरें प्रकाशित कीं, जिसमें दावा किया गया कि ताइवान ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक एसयू -35 फाइटर जेट को मार गिराया, जिसका बाद में खंडन किया गया। ग्लोबल टाइम्स ने लेख में कहा, ''भारतीय मीडिया ताइवान के अलगाववादी ताकतों को गले लगा रहा है। वे एकतरफा चीन-भारत संबंधों को जहरीला बना रहे हैं।''

भारत-अमेरिका की दोस्ती चुभी

भारत-अमेरिका के बीच की दोस्ती चीन को लगातार चुभती रही है, जिसपर पड़ोसी देश अपनी भड़ास निकालता रहा है। इस लेख में भी चीन ने भारत-अमेरिका का जिक्र किया है। चीनी विश्लेषक ने लेख में कहा है कि कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट्स को यह याद दिलाना होगा कि वे वन-चाइना पॉलिसी को नहीं हिला पाएंगे। भारत अपने आपको 'प्राउड डेमोक्रेसी' मानता है और चीन को पश्चिमी देशों की नजर से देखता है। जैसे ही चीन-अमेरिका के बीच में प्रतियोगिता आगे बढ़ी, वॉशिंगटन ने भी ताइवान कार्ड खेलना शुरू कर दिया। भारत में भी कुछ लोगों ने वॉशिंगटन के कदमों को फॉलो करना शुरू कर दिया है और फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

अमेरिका का समर्थन विश्वास करने योग्य नहीं

चीन ने अपने लेख में कहा है कि नई दिल्ली का मानना है कि उसने अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल कर लिया है। इस वजह से, वह चीन के प्रति उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। लेकिन, अमेरिका का समर्थन विश्वास करने योग्य नहीं है, जबकि चीन का पलटवार दृढ़ है। भारत आग से खेल रहा है, और यह अंत में दोनों तरफ से निराश हो जाएगा।

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