आस्था और भक्ति के महापर्व छठ की आज से शुरुआत हो गई है. यह पूरा त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है. इस दौरान महिलाएं व्रत रखती हैं और परिवार के सुख और समृद्धि के लिए कामना करती हैं. यह अकेली ऐसी पूजा है, जिसमें उगते और डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है. इस लंबी और कठिन पूजा के दौरान बहुत से विधि-विधान किए जाते हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. थोड़ी सी भी गलती व्रत को खंडित कर सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दौरान क्या करें और क्या न करें.
साफ-सफाई
छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. ऐसे में व्रत रखने वाले शख्स के रहने, खाने, सोने और प्रसाद बनाने की जगह साफ-सुथरी रखनी चाहिए. पूरे पूजा के दौरान व्रती को मांसाहार, शराब, प्याज-लहसुन से दूर रहना चाहिए. वहीं, उस परिवार के अन्य सदस्यों को भी इन पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
व्रत का भोजन
भगवान सूर्य और छठी मैया को भोग लगाए जाने वाले प्रसाद और व्रत के भोजन को मिट्टी के चूल्हे पर बनाना चाहिए. आग जलाने के लिए आम की लकड़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए. व्रत रखने वाले शख्स को पूरे चार दिनों तक जमीन पर सोना चाहिए.
लड़ाई-झगड़ा
जब प्रसाद बनाया जा रहा हो तो उससे बच्चों को दूर रखें, क्योंकि वह बिना हाथ धोए प्रसाद को छू सकते हैं. व्रतियों को न किसी से बहस करना चाहिए और न ही किसी से लड़ाई-झगड़ा. बस मन शांत रखकर व्रत का पालन करना चाहिए.
कपड़ा
व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें. सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के लिए तांबे या पीतल के लोटे का प्रयोग करना चाहिए. पूजा के दौरान सिंदूर, कुमकुम, आलता, मेहंदी, पीतल का सूप, शक्करंकदी का इस्तेमाल करें. वहीं, पूजा के दौरान काला और सफेद रंग का कपड़ा पहनने से बचना चाहिए.