बालक को लाने - ले जाने के लिए व्हीलचेयर किया गया प्रदान

Update: 2023-04-21 02:37 GMT
गरियाबंद: अपने शारीरिक और मानसिक दिव्यांगता को नजरअंदाज करके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने वाले बालक धर्मेंद्र की खिलखिलाहट आगे भी बरकरार रहेगी। धर्मेंद्र की घुटनों के बल चलने की परेशानी अब दूर हो गई है। बालक को कहीं भी लाने- ले जाने के लिए उन्हें व्हीलचेयर प्रदान कर दिया गया है। व्हीलचेयर मिलने से बालक के माता-पिता और परिजनों की भी चिंता दूर हो गई है कि, अब उनके बच्चे को जमीन में घुटने के बल चलने पर होने वाले दर्द से मुक्ति मिल गई है। दरअसल विकासखंड फिंगेश्वर के ग्राम बोरिद निवासी अश्वनी और श्रीमती लता बाई ध्रुव के 12 वर्षीय पुत्र धर्मेंद्र शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग है। वह अपने पैरों पर खड़ा हो पाने में असमर्थ है। इस कारण बालक धर्मेंद्र अपने घुटनों के बल ही चलता है। जिससे उनके पैरों में दर्द तो होता है, फिर भी वह दर्द को नजरअंदाज कर हमेशा मुस्कुराते रहता है। लेकिन उनके पास व्हीलचेयर नहीं होने के कारण उनके पीड़ा को महसूस कर परिजन चिंतित और दुखी रहते थे।साथ ही धर्मेंद्र को कही भी लाने ले जाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
कलेक्टर श्री प्रभात मलिक को जब धर्मेंद्र की दिव्यांगता और उनके पास व्हीलचेयर नहीं होने की जानकारी प्राप्त हुई तो तत्काल उन्होंने विभागीय अधिकारियों को धर्मेंद्र को व्हीलचेयर दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही उनके शिक्षा व्यवस्था के लिए भी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा। कलेक्टर के निर्देश उपरांत पंचायत और समाज कल्याण विभाग द्वारा बालक धर्मेंद्र को व्हीलचेयर प्रदान कर दिया गया है। साथ ही विभागीय अधिकारियों ने बालक धर्मेंद्र को राजिम स्थित दिव्यांग बच्चों के विशेष स्कूल में पढ़ाई करवाने उनके माता-पिता को भी बताया गया है। मानसिक शारीरिक दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित विशेष स्कूल में एडमिशन होने पर उन्हें निशुल्क शिक्षा मिलेगी। साथ ही छात्रवृत्ति का भी लाभ बालक को मिल पाएगा। विभाग द्वारा बालक धर्मेंद्र को व्हीलचेयर देने और शिक्षा संबंधी जानकारी से अवगत कराने पर उनके परिजनों ने खुशी जताते हुए जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया है।
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