नगरपालिकाओं के उप निर्वाचन के लिए व्यय प्रेक्षकों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए दिया गया प्रशिक्षण
रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरपालिकाओं के लिए उप निर्वाचन 2023 हेतु कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसके तहत् आठ जिलों के नौ वार्डों में पार्षदों का उप निर्वाचन होना है। निर्वाचन में पार्षदों द्वारा किये जाने वाले व्यय पर निगाह रखने के लिए 15 व्यय प्रेक्षकों की तैनाती आयोग द्वारा की गई है। दोपहर तीन बजे से नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय के वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष के जरिये इन व्यय प्रेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के उपसचिव श्री दीपक अग्रवाल, ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि व्यय प्रेक्षकों की नियुक्ति निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव में सहयोग देने के लिए की गई है। अतः वे गंभीरता से अपने दायित्व का निर्वहन करें। व्यय प्रेक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए आयोग में श्रीमती प्रीति निषाद, लेखाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। साथ ही प्रत्येक जिले में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
इस मौके पर, आयोग के अवर सचिव श्री आलोक श्रीवास्तव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बताया कि नगरीय निकायों में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए आयोग द्वारा व्यय सीमा तय की गई है। इसमें नगर पंचायतों के पार्षद चुनाव के अभ्यर्थियों की व्यय सीमा जहां पचास हजार है, और वहीं नगरपालिकाओं के लिए डेढ़ लाख रूपये है। नगरपालिका निगम में तीन लाख से कम आबादी वाले वार्डों मंे अभ्यर्थी अधिकतम तीन लाख तक खर्च कर सकते है और वहीं तीन लाख से अधिक आबादी वाले वार्डों के अभ्यर्थियों के लिए पांच लाख रूपये की व्यय सीमा तय की गई है।
पार्षद पद के प्रत्येक अभ्यर्थी को रोज किए जाने वाले व्यय का लेखा रजिस्टर-प्रोफार्मा-क में रखना होगा, जो अभ्यर्थी को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिया जाएगा। यह भी बताया गया कि हालांकि व्यय प्रेक्षकों का कार्य अभ्यर्थियों के नामों के अंतिम रूप से घोषणा के बाद ही शुरू होता है, किन्तु उन्हें नामांकन दाखिले के दिन से सचेत रहना चाहिए। ध्यान रहे कि इस बार नगरीय निकायों के पार्षद चुनाव के लिए नाम वापसी हेतु 12 जून 2023 की तिथि तय की गई है।
ज्ञात हो व्यय प्रेक्षक कुल चार बार प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। पहला प्रतिवेदन अभ्यर्थिता नाम वापसी दिनांक से चार दिन के भीतर, दूसरा प्रतिवेदन मतदान के दो दिन पहले, तीसरा प्रतिवेदन मतदान तिथि के दूसरे दिन तथा आखिरी प्रतिवेदन निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगा।
व्यय प्रेक्षकों को आज की कार्यशाला में यह भी बताया गया कि उन्हंे अभ्यर्थियों के व्यय पर नजर रखने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया के मध्य में कम से कम दो बार व्यय लेखा की जाँच अनिवार्य रूप से करनी चाहिए। समय-समय पर निरीक्षण और पर्यवेक्षण के दौरान अभ्यर्थी के व्यय लेखा पंजी में व्यय प्रेक्षक/निर्वाचन व्यय संपरीक्षक की जांच उपरांत हस्ताक्षर जरूरी है। इसी तरह व्यय अनुवीक्षण की आखरी रिपोर्ट जो जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैयार की जाती है, उसमें भी व्यय प्रेक्षक/निर्वाचक संपरीक्षक के हस्ताक्षर अनिवार्य है। इसके बाद ही व्यय लेखा का प्रतिवेदन स्वीकृति के लिए राज्य निर्वाचन आयोग भेजा जाना चाहिए।
यह जानकारी भी दी गई कि अभ्यर्थी को नाम निर्देशन प्रस्तुत करने के पूर्व अनिवार्यतः एक बैंक खाता खोलना होगा। जिससे ही निर्वाचन संबंधी सभी व्यय किए जाएं।आज की बैठक में आयोग के अधिकारी/कर्मचारी और जिलों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यय प्रेक्षक जुड़े रहे।
गौरतलब है कि जिन जिलों में नगरपालिका उप चुनाव हो रहा है, उनमें जिला जांजगीर-चांपा में नगरपालिका परिषद् चंपा का वार्ड नबंर 24, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में नगर पंचायत खोंगापानी का वार्ड नबंर 6, रायपुर में नगर पंचायत खरोरा का वार्ड नबंर 13, महासमुंद में नगर पंचायत तुमगांव का वार्ड नबंर 5, दुर्ग में नगरपालिक निगम दुर्ग का वार्ड नबंर 42 एवं नगर पालिका परिषद् अहिवारा का वार्ड नबंर 14, बेमेतरा में नगरपालिका परिषद् बेमेतरा का वार्ड नबंर 6, मोहला-मानपुर-अबांगढ़ चौकी में नगर पंचायत अंबागढ़ चौकी का वार्ड नबंर 06 तथा कोण्डागांव में नगरपालिका परिषद् कोण्डागांव का वार्ड क्रमांक 18 में पार्षद का उप चुनाव होना है।