पारंपरिक नृत्य ने मोहा प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों का मन

Update: 2023-09-05 03:13 GMT
जशपुरनगर: जशपुर जिला भ्रमण पर पहुंचे 14 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने विगत एक सप्ताह में जिले के बगीचा विकासखंड के अलग-अलग ग्राम पंचायतों का दौरा किया और घूम-घूम कर विकास योजनाओं का जायजा लिया।
प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी आदिवासी, पहाड़ी कोरवा जनजाति बहुल गांव पहुंच कर आदिवासी एवं कोरवा जनजातियों की परंपरा और संस्कृति का अध्ययन भी किया। इसके अलावा वे ग्रामीणों की दिनचर्या, रहन-सहन और खानपान की जानकारी भी लिए। दो समूहों में प्रशिक्षु आईएएस गांवों में विकास योजनाओं का अध्ययन का कार्य पूरा किया। पहला समूह सन्ना के ग्राम छिछली अ सहित अन्य ग्रामों का दौरा कर किया। वही दूसरा दल बगीचा विकासखंड के पंडरा पाठ के अलग-अलग गांवों में जा कर वहां अध्ययन का कार्य किया। जिले भ्रमण पर आए प्रशिक्षु आईएएस जिले के अलग-अलग गांव में घूमकर न सिर्फ विकास कार्यों से रु-ब-रु हुए बल्कि यहाँ की संस्कृति, परंपरा, खाना-पान और लोगों के सरल सरल स्वभाव से काफी ज्यादा प्रभावित हुए।
इस दौरान इस प्रशिक्षु अधिकारियों ने जशपुर से लगे मयाली डैम, कुनकुरी सहित अन्य पर्यटन स्थल का भ्रमण किया। साथ यहां के पारंपरिक नृत्य करने वाले कलाकारों के साथ जमकर झूम भी । यहां के आदिवासी समुदाय द्वारा किए जाने वाले पारंपरिक नृत्य से प्रशिक्षु अधिकारी काफी प्रभावित हुए। पारंपरिक पोशाक पहनकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य करते कलाकारों के साथ प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी जमकर झूमे और वाद्य यंत्र बजाते हुए यहां की संस्कृति और परंपरा से रूबरू हुए।
गौरतलब है कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के 98वें फाउंडेशन कोर्स के 14 प्रशिक्षु अधिकारी फील्ड अध्ययन और अनुसंधान कार्यक्रम के लिए जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के लिए आए हुए थे। इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों की विभिन्न गतिविधियों सहित शासकीय योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त किए। साथ ही ग्राम छिछली-अ सन्ना, एवं पंडरापाठ, बगीचा में जाकर विभिन्न योजनाओं एवं उनके क्रियान्वयन के संबंध में अध्ययन भ्रमण किया।
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