रायगढ़: जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, रायगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना लैलूंगा के माध्यम से प्राप्त प्रकरण में एक महिला को बीते दिनों थाना लैलूंंगा से आश्रय हेतु सखी वन स्टॉप सेंटर लाया गया था। महिला से बातचीत करने पर पता चला कि वह तमिलनाडू की निवासी है जिसे तमिल भाषा का ही ज्ञान है। तत्पश्चात तमिल भाषा के जानकार की मदद से युवती से बातचीत की गयी। युवती ने बताया कि मैं कोंगनापुरम थाना-एडपडी जिला-सेलम (तमिलनाडू)में रहती थी। विवाह को 8 वर्ष हो चुके है वर्तमान में उसके 2 बच्चे है। विवाह के कुछ वर्ष बाद पति द्वारा महिला पर शंका कर मारपीट किया जाता था। महिला पति के मारपीट से परेशान होकर मायके जाया करती थी। परंतु महिला को माता-पिता से भी कोई सहायता नहीं मिलने से वह एक युवक के साथ 20 दिन पूर्व ही घर में बिना किसी को जानकारी दिए निकल गई। महिला के पति व पिता को जानकारी मिलने पर उन्होंने संबंधित थाना में इसकी लिखित सूचना दी। पुलिस की सहायता से महिला के मोबाईल को ट्रेस कर पता लगाया गया। महिला जिस युवक के साथ गयी थी वह युवक उसे रायगढ़ जिले के लैलूंगा लेकर आ गया था। जिसके बाद महिला के पिता आवेदिका को लेने लैलूंगा पहुंचे व थाना लैलूंगा के माध्यम से पतासाजी किया गया। महिला के पिता अपने पुत्री को समझाईश दिलाकर साथ ले जाना चाहते थे। परंतु महिला साथ जाना नहीं चाहती थी। तत्पश्चात लैलूंगा थाने द्वारा जानकारी दी गई कि तमिलनाडू पुलिस महिला को लेने आ रही है। तत्पश्चात तमिलनाडू पुलिस महिला के पति व महिला आरक्षक के साथ सखी सेंटर रायगढ़ पहुंचे। सखी सेंटर द्वारा युवती से तमिल भाषा के जानकार के माध्यम से बातचीत कर समझाया गया। काफी समझाईश के बाद महिला वापस जाने को राजी हुयी। महिला को उसके पिता के सुपुर्द किया गया। उक्त संपूर्ण कार्यवाही जिला कार्यक्रम अधिकारी व महिला संरक्षण अधिकारी के मार्गदर्शन पर किया गया।