वनाधिकार मान्यता के लंबित प्रकरणों को मिशन के रूप में 31 अक्टूबर तक किया जाए निराकरण- कलेक्टर

Update: 2022-09-10 07:25 GMT
कोण्डागांव: शुक्रवार को जिला कार्यालय के सभा कक्ष में कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम, डीएफओ रौनक गोयल, एसडीएम चित्रकान्त चार्ली ठाकुर, शंकर लाल सिन्हा, सीमा ठाकुर, सहायक आयुक्त संकल्प साहू सहित सभी जनपदों के सीईओ, तहसीलदार, वन विभाग के अधिकारी एवं नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
इस बैठक में कलेक्टर ने वनाधिकार मान्यता के लंबित मामलों को गंभीरता से लेते हुए इन सभी 4824 लंबित प्रकरणों को अनुविभागीय समिति से अनुमोदन के पश्चात् जिला समिति के अधीन आदिवासी विकास शाखा की उप समिति का निर्माण कर एक विशेष नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ सभी आवेदनों की जांच करते हुए मिशन के रूप में इस पर कार्य कर सभी प्रकरणों को 31 अक्टूबर तक निराकृत करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने सभी ऐसे ग्राम पंचायत जहां वनाधिकार के अधिक प्रकरण लंबित है वहां के मैदानी अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें प्रक्रिया का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने आगामी ग्राम सभाओं में एजेंडे के रूप में वनाधिकार प्रकरणों को शामिल कर उनपर ग्राम सभाओं से अनुमोदन प्राप्त कर उनको शीघ्र अनुविभागीय समिति के माध्यम से गूगल मैप द्वारा जांच कर जिला स्तर पर प्रस्तुत करने को कहा। इसके अतिरिक्त ऐसे प्रकरण जो नवीन प्राप्त होंगे उनके लिए कलेक्टर के आदेश से विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन कर नवम्बर के प्रथम सप्ताह में सभी आवेदनों पर अनुमोदन करवाया जाएगा।
इस बैठक में जिपं अध्यक्ष श्री मातलाम द्वारा विभिन्न माध्यमों द्वारा प्राप्त शिकायतों पर गंभीरता से विचार करते हुए ऐसे प्रकरण जिनमें पात्र आवेदकों को वनाधिकार मान्यता पत्र वितरित नहीं हुए हैं उन्हें पत्र वितरित करने को कहा। जिस पर कलेक्टर ने सभी पात्र हितग्राही जिनकी जांच हो चुकी है उन्हें अविलम्भ वनाधिकार मान्यता पत्र जारी कर उन्हें ऋणपुस्तिका भी प्रदान करने को कहा।
इस अवसर पर कुल 197 व्यक्तिगत वनाधिकार के प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें कोण्डागांव के 44, माकड़ी के 40, फरसगांव के 112 एवं केशकाल के 01 प्रकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रक के 03 प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें केशकाल के 02 एवं बड़ेराजपुर के 01 प्रकरण को स्वीकृति प्रदान की गई।
ग्रामों के मध्य पारम्परिक सीमा के अनुसार सामुदायिक वन संसाधन पट्टों का हो वितरण
इस बैठक में कलेक्टर ने सामुदायिक वन संसाधन पट्टों के वितरण में आ रही सीमा विवाद की शिकायतों के निराकरण हेतु समाज प्रमुखों, वरिष्ठजनों एवं प्रतिनिधियों के साथ ग्रामों की संयुक्त बैठक आयोजित कर ग्रामों की पारम्परिक देवसीमा को आधार मानकर सामुदायिक वन संसाधन पट्टों का वितरण करने तथा इसके लिए सभी के मध्य समन्वय स्थापित कर विवाद को निराकृत कराने को कहा।
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