उत्तर बस्तर कांकेर: जिले के कृषक अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग कर कृषि कार्य से अपने जीवन में बदलाव ला रहे है। षासन-प्रषासन की मदद से अंदरूनी क्षेत्रो में बसे कृषकों को अब विषम भौगोलिक स्थिति में भी कृषि कार्यो के प्रति प्रोत्साहन मिला रहा है। वे षासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए उन्नत खेती कर एक बेहतर जीवनषैली की ओर आगे बढ़ रहें है। किसी भी फसल की अच्छी पैदावार के लिए उचित देखरेख के साथ आवष्यकतानुसार पानी जरूरी है, अंदरूनी क्षेत्र के गांवों में मूलतः विद्युत आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था के अभाव में कृषकों को खेत तक पानी पहुंचाने की समस्या का सामना करना पड़त है। विद्युतविहीन खेतों में सोलर पम्प स्थापना से प्रदूषण रहित निःषुल्क बाधारहित सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है।
विकासखण्ड नरहरपुर अंतर्गत ग्राम चोरिया निवासी श्रीमति महेष्वरी वट्टी ने बताया कि उन्हे सिंचाई संसाधन उपलब्ध नही होने के कारण कृषि कार्य में परेषानियों का सामना करना पड़ता था, जिसके कारण आर्थिक स्थिति कमजोर थी। शासन की सौर सुजला योजना की जानकारी प्राप्त होते ही अपने खेतों में 05 एच.पी. के सोलर पंप का स्थापना किया, जिसके बाद वे अपने खेतों में ड्रिप के माध्यम से साग-सब्जी की खेती के साथ-साथ मडिया, उड़द, कुल्थी का उत्पादन कर रहे है, जिससे उन्हे अच्छी आमदनी हो रही है। महेष्वरी वट्टी ने इस योजना का संचालन करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल को आभार व्यक्त किये हैं।