विश्व टीकाकरण सप्ताह पर विशेष

जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित करता है टीकाकरण: डॉ. भगत

Update: 2022-04-24 05:50 GMT

रायपुर: हर वर्ष अप्रैल के अंतिम सप्ताह 24 से 30 अप्रैल के दौरान विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है। टीकाकरण सप्ताह का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण करते हुए लोगों को जानलेवा बीमारियों से से सुरक्षित करना है।

इस बारे में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. विश्वनाथ भगत कहते है- ''टीकाकरण से लाखों लोगों की जान बचती है। यूपीआई व्यापक रूप से दुनिया का सबसे सफलतम टीकाकरण कार्यक्रम है, जो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह ''लॉंग लाइफ फॉर ऑल'' मतलब ''सभी के लिए लंबा जीवन'' की थीम पर मनाया जाएगा। टीकाकरण रोगों के प्रति शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर विभिन्न संक्रामक रोगों से जीवन भर सुरक्षा प्रदान करता है। जैसे डिप्थीरिया, खसरा, काली खांसी, पोलियो, टिटनेस और वर्तमान में कोविड-19 भी शामिल हैं। विश्व में सक्रिय टीकाकरण लगभग हर साल असमय होने वाली मौतों को रोकता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान टीकाकरण के प्रति जन जागरूकता एवं लोगों को अपने और अपने बच्चों को टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
देश में टीकाकरण की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें यूआईपी, गहन मिशन इंद्रधनुष और पल्स पोलियो अभियान प्रमुख हैं। जहां गहन मिशन इंद्रधनुष के तहत गर्भवती महिलाओं एवं दो वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चों को जो यूआईपी के अंतर्गत नियमित टीकाकरण के दौरान किसी वजह से वंचित हो गये हो, उन्हें चिन्हित कर टीकाकरण किया जाता है। देश के साथ ही हमारे राज्य में भी- टीबी, काली खांसी, गलघोंटू, टिटनेस, पोलियो, डायरिया, ख़सरा, रूबेला, हेपेटाइटिस बी, मेनिन्जाइटिस, निमोनिया और अब कोविड-19 जैसे- जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीका दिया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य सभा ने मई 2012 की अपनी बैठक के दौरान विश्व टीकाकरण सप्ताह का मानाने का निर्णय लिया था। पहले, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में टीकाकरण सप्ताह की गतिविधियां अलग-अलग तिथियों पर मनाई जाती थीं। 2012 में पहली बार एक साथ टीकाकरण सप्ताह मनाया गया, जिसमें दुनिया भर के 180 से अधिक देशों की भागीदारी रही थी।

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