खरीफ 2022 में धान के रकबे में पांच लाख हेक्टेयर की कमी और अन्य फसलों की खेती को प्रोत्साहित करें: मुख्य सचिव

Update: 2022-05-13 03:49 GMT

रायपुर: मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज कृषि विभाग की योजनाओं की मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन के प्रगति की समीक्षा की। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित इस बैठक में कृषि विभाग सहित बीज निगम, मंडी बोर्ड, उद्यानिकी, पशुधन, मछलीपालन और जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा की गई। विभागों द्वारा संचालित की जा रही केन्द्र और राज्य की योजनाओं के साथ ही राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति और आगामी खरीफ वर्ष 2022 की तैयारी के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने विभागीय योजनाओं की प्रगति को संतोष जनक बताते हुए फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए है। मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा है कि राज्य शासन द्वारा खरीफ 2022 में पाँच लाख हेक्टेयर धान के रकबे को अन्य फसलों से प्रतिस्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अन्य फसलों के गुणवत्ता युक्त बीजों का भण्डारण सहकारी समितियों में समय पर करने के निर्देश दिए गए। विगत वर्ष में जिन किसानों ने धान के अतिरिक्त अन्य फसलों का उत्पादन किया था, उन किसानों की सहकारी समिति स्तर पर 16 मई से 15 जून की अवधि में बैठक आयोजित करने और उनकी व्यवहारिक समस्याओं को जानकर उनका निराकरण करने कहा गया है। किसानों को अन्य फसलों के लिए आसानी से ऋण स्वीकृत हो सके, इस लिए प्रक्रिया के सरलीकरण के निर्देश अपेक्स बैंक को दिए गए हैं। श्री जैन ने कहा कि सुनिश्चित सिंचाई वाले क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिए जाने के लिए विशेष प्रयास किए जायें। उन्होंने उद्यानिकी फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित करने कहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में राज्य के 36.46 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया है। इनमें से 18.13 लाख कृषकों का केवाईसी अपडेट हो चुका है। शेष बचे किसानों के केवाईसी अपडेट के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए है।
गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए श्री जैन ने कहा है कि सहकारी समितियों में भण्डारित 6.30 लाख क्विंटल कम्पोस्ट का विक्रय आगामी खरीफ 2022 में किया जाएगा। गोबर खरीदी के अनुपात में कम्पोस्ट का निर्माण गौठानों में किए जाने के निर्देश दिए गए है। गौठानों को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए केन्द्र एवं राज्य पोषित योजनाओं की आय मूलक गतिविधियों का क्रियान्वयन गौठानों में करने कहा गया है। गौठानों के गतिविधियों में लगे हुए महिला स्व सहायता समूहों और गौ-पालकों को नियमित और त्वरित भुगतान करने के निर्देश भी श्री जैन ने दिए हैं। मैदानी क्षेत्रों में विभागीय कर्मियों के द्वारा नियमित रूप से भ्रमण करने, किसानों से जीवंत सम्पर्क रखने, फसल परिवर्तन, जलवायु क्षेत्र के अनुसार तकनीकी सलाह देकर किसानों को फसलोत्पादन में वृद्धि करने की उपायों की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव कृषि विभाग डॉ.कमलप्रीत सिंह सहित बीज निगम, मंडी बोर्ड, कृषि, उद्यानिकी, पशुधन विकास, मछलीपालन और राज्य जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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