मोहला: पशुधन विकास विभाग द्वारा किसानों को उन्नत नस्ल की गाय पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उससे ग्रामीण परिवेश में जीवन यापन करने वाले किसानों के जीवन में खुशहाली आ रही है। गाँव में खेती किसानी के साथ ही पशु पालन करना जीवन का अहम हिस्सा है। गांव में निवासरत किसान और पशुपालन वर्षों तक परंपरागत रूप से देसी नस्ल की गाय पालन को ही करते आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में पशुपालकों की दशा और दिशा सुधारने का कार्य पशुपालन विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। उन्नत नस्ल की गाय और विभागीय मार्गदर्शन से पशुपालकों के जीवन में खुशहाली की बहार देखने को मिल रही है। ऐसा ही ग्राम साल्हेभर्री निवासी श्री चेतराम बट्टी के जीवन में देखने को मिला है। पशुपालक श्री चेतराम बट्टी बरसों से देसी नस्ल की गाय पालन करते आ रहे हैं। इससे उनके जीवन में आर्थिक तंगी हमेशा बना रहता था। उन्होंने पशुपालन विकास विभाग के मार्गदर्शन और सहयोग से उन्नत नस्ल की गाय पालन करना सीखा। पशुपालन विकास विभाग द्वारा उन्हें 6 नग दुधारू गाय प्रदाय किया गया। पशुपाल को गीर एवं जर्सी नस्ल की गाय मिलने और पशुपालन विकास विभाग के मार्गदर्शन में दुग्ध उत्पादन कर रहा है। अब श्री चेतराम बट्टी को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिल गया है। वह प्रतिमाह 25 हजार रुपए दुग्ध उत्पादन से शुद्ध लाभ अर्जित कर रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा समय-समय पर उन्हें आवश्यक सलाह और मार्गदर्शन, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, पौष्टिक हरा चारा उत्पादन प्रदाय किया जा रहा है। जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर पर निवासरत यह पशुपालक आज अपने आस-पास के गांव में अच्छी खासी पहचान बना लिया है। अन्य पशुपालक भी अब इनसे प्रेरित होकर देसी नस्ल की गायों की जगह उन्नत नस्ल की गाय पालन कर दुग्ध उत्पादन कर रहे हैं।