लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लैब को एनएबीएल मान्यता हुआ प्राप्त

Update: 2022-10-13 03:41 GMT
जशपुरनगर: कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल मार्गदर्शन एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दिशा-निर्देश में जिले में जल जीवन मिशन अंर्तगत् लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु सार्थक पहल किया जा रहा है।
इसी कड़ी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन अंर्तगत संचालित जिला स्तरीय लैब को पानी की बेहतर जॉच करने के कारण एनएबीएल सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। अब इस लैब की टेस्ट रिपोर्ट प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होगी। जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला मे एनएबीएल प्रमाणिकता के साथ 11 पैमानों पर पेयजल की जॉच की सुविधा आमजन के लिए उपलब्ध हो पाएगी। जिस हेतु मूल्य का निर्धारण भी किया गया है। जिसमें टीडीएस 1 रूपए, गंध 1.रूपए, रंग 1 रूपए, पी.एच 1 रूपए, टरबिडिटी (गंदलापन) 5 रूपए, क्षारीयता 20 रूपए, क्लोराईड 50 रूपए एवं कठोरता स्वाद, मैग्निशियम, कैल्शियम की जॉच हेतु 20 रूपए निर्धारित है। पीएचई ने एनएबीएल यानि नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एण्ड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज के सर्टिफिकेट के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसके पश्चात् एनएबीएल की टीम ने निरीक्षण किया। इन उपकरणों की जॉच करके टीम ने इन्हें एनएबीएल के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप पाया तथा लैब को आगामी 2 वर्ष के लिए मान्यता देने का निर्णय लिया। पीएचई के लैब में एनएबीएल प्रमाणिक लैब के मापदण्ड से पानी की जॉच आम लोगों के लिए निर्धारित शुल्क पर उपलब्ध हो गयी है।
उल्लेखनीय है कि पानी में विभिन्न तत्वों की कमी या अधिकता से कई जल-जनित बीमारियां होती है जैसे-फ्लोराइड की अधिकता से आँखों पर विपरीत प्रभाव, आयरन की अधिकता से जोड़ों में दर्द, पानी की कठोरता अधिक होने पर पथरी, त्वचा का सूखापन, बालों का झड़ना इत्यादि होता है इस कारण पीने के पानी की जॉच कराना आवश्यक है। पानी की जाँच से आम लोग यह जान पायेंगे कि उनका जल स्त्रोत पीने योग्य है या नहीं जिससे वे अपने स्वयं एवं समुदाय को जलजनित रोगों से बचाव कर सकेंगे।
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