सतरंगी नायक एवं नायिकाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण

Update: 2022-03-25 04:29 GMT

दंतेवाड़ा: जिले में बापी न उवाट कार्यक्रम द्वितीय चरण अंतर्गत पोषण व्यवहार के साथ-साथ जिला प्रशासन के सात संकल्पों को साकार करने न केवल दादीयां पहल कर रही है अपितु अब युवा भी सतरंगी नायक एवं नायिका के रूप में वालेंटियर बनकर अभिनव पहल करते हुए जागरूकता कार्यक्रम में आगे आ रहे हैं। जिनके लिए परियोजनावार 09 मार्च 2022 से 24 मार्च 2022 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री वरुण सिंह नागेश ने बताया कि बापी न उवाट कार्यक्रम में कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन एवं युनिसेफ के तकनिकी सहयोग से विगत एक वर्षों से दादी एवं नानीयों के द्वारा जिले में कुपोषण की दर कम करने पोषण व्यवहारों के प्रति प्रत्येक ग्राम में जागरूकता लाने एक सराहनीय पहल है। बापी न उवाट कार्यक्रम के द्वितीय चरण में दादी नानी के द्वारा पोषण व्यवहार साथ-साथ अन्य सात संकल्प जैसे गंदगी मुक्त, पूर्ण सुपोषित, मलेरिया मुक्त, एनीमिया मुक्त, शतप्रतिशत शिक्षा, शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव एवं सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण जैसे व्यवहार के प्रति समुदाय में जागरूकता ला रही हैं। समुदाय को नई सोध एवं नई दिशा की ओर ले जाते हुए प्रशासन से जोड़ने न केलव दादीयां है अपितु अब युवा भी अपने समाज को साकारात्मक व्यवहार परिवर्तन करने में सहयोग दे रहे हैं। जिले में इन स्वप्रेरित तथा उत्साहित युवाओं को सतरंगी नायक एवं नायिका के रूप में चयनित कर पुना माड़ाकाल दंतेवाड़ा की राह में बापी न उवाट कार्यक्रम से जोड़ा गया है। इन सतरंगी नायक एवं नायिकाओं को जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में कार्यक्रम के कुशल संचालन हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयं सेवको को नायक-नायिका को टी-शर्ट वितरण कर सात संकल्पों के प्रति जानकारी प्रदान किया गया, जिससे बापी के साथ समुदाय में सात संकल्पों को साकार करने में अपना योगदान दे सकें। प्रशिक्षण के दौरान सतरंगी नायक एवं नायिकाओं के द्वारा सीखे गये संकल्पों की जानकारी सम्मुख आकर अपने ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रांतियों के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि अब हम इस प्रशिक्षण के बाद अपने गांव के लोगों को स्वास्थ्य व्यवहारों के पालन हेतु लागों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उचित व्यवहार का पालन कर एनीमिया से मुक्त हो सकते है। इस दौरान परियोजना स्तर पर परियोजना अधिकारी श्री रितेश कुमार टण्डन, सेक्टर पर्यवेक्षक, श्री पंकज साहू एवं श्री राजेश बघेल जिला समन्वयक युनिसेफ के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।


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