उत्तर बस्तर कांकेर: गोधन न्याय योजना जिले के सभी पशुपालक किसानों, भूमिहीन मजदूर, महिला स्व-सहायता समूहों के लिए वरदान साबित हो रहा है। पशुपालक, किसान गोबर बेचकर आर्थिक आमदनी प्राप्त कर रहें है, वही महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाकर, उसके विक्रय से लाभ प्राप्त हो रहा है। महिला समहों द्वारा गौठानों में अन्य आर्थिक गतिविधियों भी संचालित की जा रही है, जिससे उन्हें आमदनी हो रहा है।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में गोबर बेचने के लिए 16 हजार 10 किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया है, जिसमें से 10 हजार 538 किसानों द्वारा 04 करोड़ 16 लाख रूपये गोबर बेचकर आय अर्जित किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा गौठानों में गोबर बेचने के लिए लगातार हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे गोबर बेचने वाले हितग्राहियों की संख्या एवं गोबर की मात्रा में वृद्धि हो रही है। पिछले 13 पखवाड़ें में क्रमशः गोबर खरीदी की राशि 01 मार्च से 15 मार्च तक 04 लाख 40 हजार 623 रूपये, 16 मार्च से 29 मार्च तक 03 लाख 90 हजार रूपये, 01 अप्रैल से 15 अप्रैल तक 04 लाख 41 हजार 332 रूपये, 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 04 लाख 49 हजार 505 रूपये, 01 मई से 15 मई तक 05 लाख 41 हजार 372 रूपये, 16 मई से 31 मई तक 05 लाख 88 हजार 10 रूपये, 01 जून से 15 जून तक 04 लाख 29 हजार 653 रूपये, 16 जून से 30 जून तक 03 लाख 73 हजार 32 रूपये, 01 जुलाई से 15 जुलाई तक 06 लाख 36 हजार 655 रूपये, 16 जुलाई से 31 जुलाई तक 06 लाख 34ह जार 444 रूपये, 01 अगस्त से 15 अगस्त तक 06 लाख 58 हजार 912रूपये, 16 अगस्त से 31 अगस्त तक 06 लाख 92 हजार 755 रूपये, 01 सितम्बर से 15 सितम्बर तक 17 लाख 37 हजार 579 रूपये तथा इस पखवाड़ें में जिला प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाकर गौ-पालकों का पंजीयन एवं गोबर बेचने हेतु हितग्राहियों को प्रोत्साहित करने से गोबर क्रय की राशि बढ़कर 22 लाख 74 हजार 437 रूपये हो गया है अर्थात किसानों द्वारा 22 लाख 74 हजार रूपये के गोबर का विक्रय गौठानों में किया गया है।
जिले में ग्रामीण क्षेत्र के 377 गौठानों तथा शहरी क्षेत्र के 12 गौठानों और आवर्ती क्षेत्र के 27 गौठानों में प्रतिदिन गोबर की खरीदी गौठान समितियों द्वारा गौठानों में की जा रही है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुमीत अग्रवाल द्वारा गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा एवं योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है।