मिलेट्स की फसल के लिए ज्यादा पानी और रासायनिक खाद एवं उर्वरक की जरूरत नहीं
रायपुर: आओ-आओ नाटक देखो, आईएचएम का नाटक देखो आओ जनता नाटक देखो...के नारों के साथ आज होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) रायपुर के छात्र-छात्राओं ने मिलेट कार्निवाल में नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति के जरिए रोज के खान-पान में मिलेट्स का महत्व बताया।
रायपुर के नेताजी सुभाष स्टेडियम में छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ और आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय मिलेट कार्निवाल के तीसरे दिन आईएचएम के छात्र-छात्राओं द्वारा मिलेट के फायदों पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई। नाटक के परिदृश्य में एक गांव का चित्रण किया गया था, जहां पानी की कमी है और इसी वजह से गांव में अच्छी फसलें नहीं हो पाती, गांव के किसानों के सामने यह बड़ी चुनौती है कि वो ऐसी कौन सी फसल ले सकते हैं, जिसका उत्पादन कम पानी में भी अच्छा हो। इसी बीच गांव में डॉक्टर दीदी आती हैं, सभी ग्रामीण अपनी इस समस्या से उन्हें अवगत कराते हैं और उनसे समाधान पूछते हैं, जिस पर डॉक्टर दीदी बताती हैं कि कोदो, कुटकी, रागी जैसी मिलेट्स की फसलें कम पानी में अच्छी तरह से उगाई जा सकती है, जिसे जानकर ग्रामीण खुश हो जाते हैं और मिलेट की खेती करनी शुरू कर देते हैं।
आईएचएम के विभागाध्यक्ष श्रीमती प्रिया शर्मा एवं शिक्षक श्री खिलेश पटेल के मार्गदर्शन में 13 छात्र-छात्राओं द्वारा इस नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई। नाटक के प्रस्तुतिकरण को लोगों ने खूब इंजॉय किया, नाटक के बीच-बीच में नगर-नगर ये बात बताएं, आओ मिलकर मिलेट उगाए, मिलेट्स उगाओ धरती को बचाओ, मिलेट्स उगे तो जल बचे, जल ही जीवन समझ लें जैसे नारों ने दर्शकों को मिलेट्स के फायदे के बारे में प्रभावी ढंग से बताया।
नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देने वाले आईएचएम के छात्र-छात्राओं ने बताया कि आज दाल, चांवल, सब्जियों के साथ-साथ मिलेट्स को भी खाने में शामिल करना जरूरी है, ताकि हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पूरा पोषण मिल सके। मिलेट्स में मिनरल, विटामिन, एंजाइम और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। मिलेट्स में मैक्रो और माइक्रो जैसे बेहतरीन पोषक तत्व भी हैं। बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्वों की प्रचुरता मिलेट्स को सुपरफूड बनाते है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन के लिए किसानों को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कोदो, कुटकी-रागी जैसे मिलेट का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है। इसके अलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। मिलेट्स कार्निवाल में विभिन्न स्टालों के माध्यम से ज्वार, सावा,कोदो,कुटकी,बाजरा, रागी जैसे अन्य प्रसंस्कृत मिलेट्स का प्रदर्शन किया जा रहा। मिलेट्स से बने भोजन डायबिटीज और हार्ट पेशेंट के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करेगा।