रायपुर: मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत छत्तीसगढ़ को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त बनाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। इसके तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक गरम भोजन दिया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कई बच्चों के चेहरों पर मुस्कान फिर लौट आई है। विगत साढ़े चार साल में लगभग 2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं और डेढ़ लाख महिलाएं एनीमिया से बाहर आ गई हैं। इनमें महासमुंद ज़िले के सेक्टर पटपरपाली के साल्टेभाठा पंचायत के बैगा खम्हरिया गांव की श्रीमती टोमेश्वरी पटेल एवं श्री नारद पटेल का पुत्र भियान पटेल भी शामिल है।
एक समय था जब नन्हे भियान का वजन निरंतर कम होता जा रहा था जिससे वह गंभीर कुपोषण का शिकार हो गया। उसका वजन घटकर 7.200 किलोग्राम हो गया था। भियान की खाने के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही थी और वह गुमसुम सा होने लगा था। जबकि उसकी उम्र के अन्य बच्चे स्वस्थ और चंचल थे। गृहभेंट और वृद्धि निगरानी के के लिए गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा उसके परिवार से इस संबंध में चर्चा की और पोषण संबंधी जानकारी दी गई। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी बैगा खम्हरिया में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत रोज गर्म पोष्टिक भोजन देने की वजह से पाँचवें माह में ही उसके वजन में दो किलो की बढ़ौतरी हो गई इससे वह कुपोषण के मध्यम श्रेणी में आ गया। पौष्टिक आहार और नियमित देखभाल से एक साल के भीतर उसका वजन बढ़कर 5 किलो हो गया है। गंभीर कुपोषण से मुक्त होकर अब सामान्य श्रेणी में आ गया है। इससे नन्हे भियान के चेहरे पर मुस्कान फिर लौट आई है।
अधिकारियों ने बताया कि मई 2022 को भियान का वजन लेने पर पता चला कि उसका वजन 7.200 किलोग्राम है। उम्र के अनुसार उसका वजन निर्धारित सीमा से बहुत कम था, इसलिए उसे गंभीर कुपोषण श्रेणी में रखा गया। आंगनबाड़ी केन्द्र में उसे धीरे-धीरे रेडी टू ईट खिलाने और खिचड़ी खिलाने का प्रयास शुरू किया गया। माता-पिता को भी समझाइश दी गई। बच्चों के साथ खेल खेल में खिलाने का प्रयास किया गया। इससे उसकी खाने के प्रति उसकी रूचि बढ़ने लगी। भियान को लगातार निगरानी में रखकर परिवारजनों का निरंतर फॉलोअप किया गया। इससे गंभीर कुपोषण के स्तर से ऊपर उठता हुआ भियान 10 अक्टूबर 2022 को मध्यम की श्रेणी में आ गया। इससे उसके परिवार वाले बहुत खुश हुए और उनका विश्वास भी बढ़ा। अब भियान 7.2 कि. ग्रा. से 11.9 किग्रा तक सफर कर सामान्य स्तर पर आ गया।