रायगढ़: छत्तीसगढ़ राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार एवं जिला शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में प्राथमिक स्तर के शिक्षकों का बालवाड़ी केंद्रों के लिए चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं का ब्लाक स्तरीय तीन दिवसीय ऑफलाइन बालवाड़ी प्रशिक्षण 15 सितंबर से 17 सितम्बर तक विकास खण्ड खरसिया में आयोजित हुआ। विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक प्रदीप कुमार साहू ने कहा की बच्चों को गतिविधि आधारित खेल-खेल में शिक्षा देते हुए बालवाड़ी से कक्षा पहली में पारगमन के लिए तैयार करने एवं प्रशिक्षण को विद्यालयों तक लक्ष्य बनाकर काम करने की बात कही। आगे उन्होंने बालवाड़ी के बेहतर संचालन के लिए सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बालवाड़ी के योजना को सफल करने हेतु कहा। उन्होंने असर, एनएएस जैसे विभिन्न सर्वे के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि शासन के विभिन्न आदेशों का पालन तथा समय-सारणी को अपने विद्यालय में अति शीघ्र प्रारंभ पर बच्चों में गुणवत्ता लाएं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, एफ एल एन, निपुण भारत, इक्कीसवीं सदी के कौशल और बालवाड़ी के लक्ष्य, मुख्य छ: आयाम, शारीरिक मांसपेशीय विकास, संज्ञानात्मक विकास, रचनात्मक, व्यक्तिगत समाजिक एवं भावनात्मक विकास रचनात्कम योगात्मक मूल्यांकन, साप्ताहिक मासिक कार्ययोजना, आंकलन, विधि, सामग्री और आंकलन के विधि, गतिविधि पुस्तिका के बारे मौखिक प्रायोगिक और गतिविधियों के माध्यम से मास्टर ट्रेनर नारायण पटेल, शैक्षिक समन्वयक, पामगढ़ कविता राठौर, सहायक शिक्षक प्रा.शा.गोपी महका, रूपा चौधरी पर्यवेक्षक, सीमा गबेल, पर्यवेक्षक के द्वारा उपरोक्त सभी विषय बिन्दु के बारे में चर्चा परिचर्चा के द्वारा उपस्थित शिक्षको को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षार्थी शिक्षको द्वारा तीनों दिन समूह में विभाजित होकर गतिविधियों में शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त किए। लोकगीत और लोकनृत्य की गतिविधियाँ आकर्षक ढंग से प्रशिक्षार्थी शिक्षिकाओं के द्वारा मनमोहन अंदाज में प्रस्तुत की गई। प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान धरमजयगढ़ में पदस्थ प्रतिनियुक्त व्याख्याता अनिल गबेल, श्री नायक एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एलएन पटेल द्वारा की गई।