स्वाईन फ्लू से बचने एहतियात बरतना जरुरी

Update: 2022-09-21 06:55 GMT
खैरागढ़: स्वाईन फ्लू (मौसमी एनफ्लुएंजा ए-एच1एन1) श्वसन तंत्र संक्रमण है जो मनुष्यो में इन्फ्लुएंजा वायरस एच1एन1 के कारण होता है। इसमें सर्दी, खांसी, बुखार एवं बदन दर्द जैसे लक्षण होते है। संक्रमित व्यक्ति सामान्यतः एक सप्ताह के भीतर सामान्य उपचार से स्वस्थ्य हो जाता है परन्तु उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों जैसे गर्भवती महिलायें, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध एवं किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्तियों में इस संक्रमण की जटिलताएं होने की संभावना होती है।
स्वाईन फ्लू के लक्षण में सर्दी, खांसी, गले में खरास, बदन दर्द, थकावट, कभी-कभी दस्त व उल्टी होना है। स्वाईन फ्लू से रोकथाम हेतु मास्क का उपयोग किया जावे, हाथों को साबुन से बार-बार धोंए, चेहरे को छुने से पहले हाथों को साबुन से धोंए अथवा सेनेटाईजर से हाथों को सेनेटाईज करें, भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें, स्वाईन फ्लू के लक्षण होने पर तत्काल अपने नजदीकी शासकीय अस्पताल में निःशुल्क परामर्श लेकर ईलाज करावें। केवल केटेगरी-सी के मरीज जैसे कोमार्बिड मरीज/अस्पताल में भर्ती का ही स्वाईन फ्लू जॉच किया जाना है एवं स्वाईन फ्लू की जांच रिपोर्ट आने तक स्वयं को आईसोलेट कर लेवें, स्वाईन फ्लू धनात्मक आने पर प्रोटोकॉल का पालन किया जावेगा।
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