रायपुर: महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया की अध्यक्षता में अटल नगर, नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में छत्तीसगढ़ महिला कोष के शासी बोर्ड और आम सभा की बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा इस वर्ष 2 मई को महिला कोष की ऋण योजना अंतर्गत महिला समूहों को 4 लाख के स्थान पर 6 लाख रूपए का अधिकतम ऋण स्वीकृत करने की घोषणा और सक्षम योजना के तहत पात्रता के लिए महिलाओं की वार्षिक आय सीमा 1 लाख रूपए से बढ़ाकर 2 लाख रूपए करने की घोषणा का अनुमोदन किया गया।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऋण योजना के तहत 2500 समूहों को 31 करोड़ रूपये और सक्षम योजना के तहत 500 पात्र महिलाओं को 4 करोड़ रूपये के ऋण वितरण की साख योजना का भी अनुमोदन किया गया। साथ ही नवीन कौशल्या समृद्धि योजना का संचालन महिला कोष के माध्यम से कराए जाने की स्वीकृति भी दी गई। इस दौरान विभिन्न बैंकांे के प्रतिनिधियों से चर्चा कर ऋण देने और ब्याज की राशि जमा करने की प्रक्रिया के सरलीकरण और अधिक से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से मदद कर स्वावलंबी बनाने पर चर्चा की गई।
श्रीमती भंेड़िया नेे महिला कोष की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी जरूरतमंद महिलाओं तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि शिविरों के माध्यम से अधिक से अधिक महिलाओं तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जाए, जिससे महिलाएं उनका लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। छत्तीसगढ़ में रोजगार और संभावनाएं बहुत हैं। महिलाएं स्वावलंबी बनने की दिशा में आगे बढ़े।
आमसभा की बैठक में शासी बोर्ड में लिये गये निर्णयों और 2023-24 के लिए साख योजना का अनुमोदन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक एवं समाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला कोष का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस साल महिला कोष के बजट में लगभग पांच गुना की वृद्धि की है। साथ ही महिला स्वावलंबन की नवीन कौशल्या समृद्धि योजना के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने बताया कि महिला कोष की योजनाओं के तहत महिलाओं को 3 प्रतिशत साधारण ब्याज की वार्षिक दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के परिपालन में अब तक 5 हजार 845 महिला समूहों का 11.06 करोड़ रूपए का ऋण माफ कर दिया गया है। साथ ही ऋण योजना के तहत प्रथम बार में महिला समूहों को 2 लाख रूपए तथा द्वितीय बार में 4 लाख रूपये तक का ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष स्वावलंबन योजना के तहत 200 महिलाओं को कौशल उन्नयन के तहत प्रशिक्षण कराने लक्ष्य रखा गया है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष के महाप्रबंधक श्री राजेश सिंघी ने बताया कि अब तक महिला कोष के माध्यम से 38,146 समूहों को 95.41 करोड़ रूपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऋण योजना के तहत 910 समूहों के लक्ष्य के विरूद्ध 1036 समूहों को 8 करोड़ रूपए से अधिक का ऋण वितरित किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है। इसी प्रकार सक्षम योजना के तहत 461 के लक्ष्य के विरूद्ध 302 महिलाओं को 2 करोड़ 62 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। जो कि पिछले वित्तीय वर्षो में से सर्वाधिक वितरण रहा है। इस प्रकार 10 करोड़ 70 लाख रूपए का ऋण दोनों योजनाओं के तहत स्वीकृत किया गया है, जो विगत 5 वर्षो में सर्वाधिक है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामोद्योग विभाग, कृषि विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, वन विभाग, कौशल विकास तकनीकी शिक्षा विभाग सहित नेहरू युवा केन्द्र, नाबार्ड, छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक तथा यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।