फोर्टिफाइड चांवल पोषक एवं स्वास्थ्य वर्धक- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत

Update: 2022-09-16 03:38 GMT
उत्तर बस्तर कांकेर: फोर्टिफाइड चांवल का उपयोग के लाभ एवं प्रचार-प्रसार के लिए जिला मुख्यालय कांकेर में आज कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक श्री शिशुपाल शोरी, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई एवं गौ-सेवा आयोग के सदस्य नरेन्द्र यादव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा एवं विशेष सचिव मनोज सोनी, संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सत्यनारायण राठौर, कांकेर जिले के कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, भारतीय खाद्य निगम रायपुर के जनरल मैनेजर राजेष कुमार सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
कार्यषाला को संबोधित करते हुए प्रदेष के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि फोर्टिफाइड चांवल पोषक एवं स्वस्थ्यवर्धक है, इसमें मौजूद आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्व बड़ों एवं बच्चों में खून की कमी नहीं होने देता है तथा खून निर्माण एवं तंत्रिका तंत्र के सही ढंग से कार्य में सहायक होता है। राज्य में सार्वभौम पी.डी.एस. के अंतर्गत खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा एनीमिया एवं अन्य पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए फोर्टिफाइड चावल का वितरण नवम्बर 2020 से कोण्डागांव जिले में प्रारंभ किया गया। वर्तमान में मध्यान्ह भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना में प्रदेष के सभी जिला में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक विरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य के 10 आकांक्षी जिले कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा तथा 02 हाई बर्डन जिले कबीरधाम एवं रायगढ़ में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत् 18.53 लाख राषनकार्डधारियों के साथ-साथ राज्य योजना के 6.55 लाख राषनकार्डधारियों को सामान्य चावल के स्थान पर पोषक तत्वों जैसे आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। इन जिलों में 25.08 लाख राषनकार्डधारियों को प्रतिमाह 56 हजार 597 टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। पी.डी.एस. के अंतर्गत मार्च 2024 तक राज्य के सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल वितरण करने की कार्य योजना है। उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड चांवल का उपयोग के फायदे का प्रचार-प्रसार के लिए उचित मूल्य दुकान में बोर्ड लगाया जावे तथा पाम्पलेट का भी वितरण किया जावे। आगामी 02 अक्टूबर को आयोजित ग्रामसभा में भी इसका प्रचार-प्रसार करने के निर्देष दिये गये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक श्री शिशुपाल शोरी ने कहा कि फोर्टिफाइड चांवल के संबंध में जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करना हम सब की जिम्मेदारी है। कई लोगों में यह भ्रांतिया है कि यह प्लास्टिक से बना चांवल है, जो सही नहीं है। इस भ्रांति को हमें दूर करना होगा। फोर्टिफाइड चांवल कुपोषण दूर करने में मदद करता है। फोर्टिफाइड चांवल के संबंध में भ्रातियों को दूर करने के लिए कार्यशाला के आयोजन हेतु कांकेर का चयन करने के लिए उनके द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार को बधाई दी गई। कार्यशाला को गौ-सेवा आयोग के सदस्य श्री नरेन्द्र यादव और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा तथा कांकेर जिले के कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने भी संबोधित किया। कार्यालय में विभिन्न वक्ताओं द्वारा फोर्टिफाइड चांवल में पाये जाने वाले विभिन्न तत्वों की जानकारी दी गई तथा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बताया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हेमनारायण गजबल्ला, जिला पंचायत सदस्य नरोत्तम पडोटी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, एफसीआई के सहायक महाप्रबंधक प्रदीप सेट्ठी महेश जायसवाल, एम्स रायपुर के डॉ. मनीषा रूईकर, सिकलसेल संस्था के डायरेक्टर जनरल डॉ. उषा जोशी, डॉ. व्ही.आर. भगत सहित एफसीआई एवं खाद्य विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी विकास विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
फोर्टिफाइड चांवल
सामान्य चावल को सबसे पहले पाउडर बनाया जाता है, जिसमें आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी-12 को एक निश्चित मानक में मिलाया जाकर, फोर्टिफाइड चावल बनाया जाता है। इस फोर्टिफाइड चावल के एक दाने को सामान्य चावल के सौ दाने में मिलाया जाता है, अर्थात 1ः100 के अनुपात में मिलाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल को 01 किलोग्राम सामान्य चावल आटे में आयरन 28 से 42.5 मिलीग्राम, फोलिक एसिड 75 से 125 माइक्रो ग्राम एवं विटामिन बी-12 -0.75 से 1.25 माइक्रो ग्राम को अनुपातिक रूप से मिलाकर बनाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल को सामान्य चावल 1ः100 में मिलाकर प्रदाय किया जाता है। उक्त चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्य एवं सुरक्षा के तहत् प्रचलित राषन कार्डधारियों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, आश्रम-छात्रावासों एवं मध्यान्ह शेजन अंतर्गत वितरित किया जाता है। कांकेर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत संचालित 487 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से 1,54,657 राषन कार्डधारियों तथा 2,141 आंगनबाड़ी केन्द्रों के 56,698 बच्चों के अलावा जिले के 6,415 गर्भवती माताओं व 6,329 पोषक माताओं को इसका लाभ मिल रहा है। इसके अतिरिक्त षिक्षा विभाग अंतर्गत 1,601 प्राथमिक शाला के 52,838 बच्चे तथा 623 माध्यमिक शाला के 33,230 बच्चे एवं आदिवासी विकास विभाग के 198 आश्रम-छात्रावासों के 10,186 बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं।
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