डबरी में मछलीपालन बना आजीविका का जरिया

Update: 2022-12-14 03:48 GMT
अम्बिकापुर: महात्मा गांधी नरेगा से होने वाले निर्माण कार्यों में हितग्राही मूलक कार्यों के प्रभाव जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगे है। वर्तमान में मनरेगा से परिसम्पतियों का हितग्राही अच्छा दोहन कर अपनी आजीविका को सुदृढ कर आमदनी प्राप्त कर रहे है जिसमें डबरी में मछलीपालन आजीविका का बड़ा जरिया बन रहा है। जनपद पंचायत अम्बिकापुर के ग्राम पंचायत पंपापुर के निवासी जोखन द्वारा मछली पालन एवं सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत पंपापुर में डबरी निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु आवेदन किया था। आवेदन पर जिला पंचायत से वर्ष 2020-21 में 2 लाख 77 हजार रूपए की लागत से डबरी निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया। जोखन एवं उनका परिवार पूर्व में गांव में बनने वाली डबरी में मजदूरी के रूप में कार्य कर पैसा कमाते थे। इस बार उन्होंने अपनी स्वयं की डबरी तथा मजदूरी कार्य कर लगभग 8904 रुपये की आमदनी भी प्राप्त हुई। डबरी निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् जोखन द्वारा अपनी डबरी में मछली का बीज डाला। मछली बड़ी होने पर उनको विक्रय कर ग्यारह हजार रूपए की आय प्राप्त की।
वर्तमान में उनकी डबरी में लगभग 06 फीट का जल भराव है तथा इस बार उन्होंने 04 किलो मछली का बीज डाला है जिससे उन्हें पिछली बार की तरह इस बार ज्यादा लाभ होने की उम्मीद है। इस बार उन्होनें धान की खेती में भी सिंचाई सुविधा का लाभ लिया जिससे ज्यादा धान का पैदावार हुआ है। अपनी 02 एकड़ जमीन जो रबी की फसल के समय खाली पड़ी रहती थी उस पर भी वह अब सिंचाई सुविधा होने से सब्जी की खेती कर रहा है।
Tags:    

Similar News

-->