कवर्धा: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव एवं सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के राज्य स्तर के नोडल अफसर डॉ गौरव कुमार सिंह ने कबीरधाम जिले में चल रहे सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। उन्होने विशेष पिछड़ी बैगा एवं आदिवासी बाहुल बोडला विकासखण्ड के ग्राम चौरा और छपरी में पहुंच कर सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्यों का अवलोकन किया। उन्होने ग्राम चौरा के संगीता लांझे पिता सियराम लांझे और ग्राम छपरी के लक्ष्मी मानिकपुरी पति परमेश्वर मानिकपुरी के घर पहुंच कर वहां चल रहे समाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य का अवलोकन किया। उन्होंने वहां सर्वेक्षण प्रपत्र का अवलोकन किया और सर्वेक्षण कार्य में लगे प्रगणक दलों को त्रुटिरहित सटीक जानकारी प्रपत्र में भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य शासन की प्राथमिकता का कार्य है। इसे गंभीरतापूर्वक करें। शासन के निर्देशानुसार सभी परिवार का सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण किया जाना है। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों का राशनकार्ड नहीं है, वो भी सर्वेक्षण में पंजीयन करवा सकते हैं।
संयुक्त सचिव डॉ. सिंह ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण का उद्देश्य विगत वर्षों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का जनसामान्य के जीवन स्तर पर पड़े प्रभाव का आंकलन कर, प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन तथा नयी योजनाओं के निर्माण के लिए उपयोग किया जाना है। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्थित रूप से किए जा रहे सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य की सराहना भी की। अवलोकन के दौरान संयुक्त सचिव डॉ. सिंह के साथ जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री संदीप अग्रवाल जिले में चल रहे सर्वेक्षण कार्यां का विस्तार से जानकारी भी दी।
जिले के 468 ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर दल द्वारा सर्वेक्षण का कार्य
जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल ने बताया कि कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देशन पर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल से छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण-2023 का कार्य प्रारंभ हो गया है। जिले के सभी 468 ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर दल द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। जिले के 468 ग्राम पंचायतों के लिए 77 सुपरवाइजर एवं 493 प्रगणक दलों का गठन किया गया है, जिसमें 986 सदस्य हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायतों के लिए दो सदस्य दल बनाए गए हैं। जिसमें एक महिला कर्मचारी भी शामिल है। ऐसी बड़ी ग्राम पंचायतें जहां पर ग्रामीण परिवारों की संख्या अधिक है। उन ग्राम पंचायतों के लिए एक से अधिक प्रगणक दल का गठन किया गया है। सर्वेक्षण के संबंध में सभी दलों को प्रशिक्षण के दौरान आवश्यक जानकारी जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है तथा यह सर्वेक्षण का कार्य 1 अप्रैल से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल 2023 तक पूर्ण किया जाएगा। सर्वेक्षण में सभी अधिकारी-कर्मचारियों विविधत प्रशिक्षण दिए गए है। दल के सदस्य को कहा गया है कि शासन आर्थिक सर्वेक्षण शासन का अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसमें प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उपयोग किया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायत के प्रत्येक घरों का भ्रमण करते हुए संपूर्ण जानकारी ऐप में एवं निर्धारित प्रपत्र में दर्ज करें। साथ ही दल के सदस्यों को सुझाव दिया गया कि आपस में समन्वय स्थापित कर एक दिन पूर्व गांव में सूचना दें, जिससे कि सभी ग्रामीण परिवार सर्वेक्षण के दौरान उपस्थित रहे।
सामजिक आर्थिक सर्वेक्षण के लिए यह दस्तावेज आवश्यक
सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के तहत परिवार के मुखिया से जुड़ी बुनियादी जानकारी, प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी, राशन कार्ड, धान विक्रय, मनरेगा जॉब कार्ड, परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी, समस्त स्त्रोतों से परिवार की आमदनी, आयकर दाता, परिवार की भूमि, शौचालय की जानकारी, निराश्रित परिवार, सिंचाई साधन, वाहन एवं अन्य सामग्री, घरेलु ईंधन की व्यवस्था, कुकिंग गैस, कौशल प्रशिक्षण एवं विद्युत कनेक्शन सहित अन्य जानकारी प्रपत्र में भरी जा रही है। इसके लिए प्रगणक दलों द्वारा प्रत्येक गांव मे सर्वे किया जा रहा है। सर्वेक्षण के दौरान किसी भी समस्या के समाधान के लिए जिला पंचायत में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।