दंतेवाड़ा: एक समय था, जब लोग दूध देने वाली गायों को प्यार से रखते थे और जो गाय दूध नहीं देती थी, उसे सड़कों पर आवारा घूमने के लिए छोड़ देते थे। प्रदेश सरकार द्वारा गौठानों के माध्यम से गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर के जरिये गोबर की खरीदी की जा रहे है, तब से गोबर का उपयोग इतना बढ़ गया है, लोग सिर्फ गोबर के लिए ही गाय पालने लगे हैं। गोबर से बने कंडे, लकड़ियों, दीयों के बाद अब प्रदेश में गोबर से बना ईको-फ्रेंडली पेंट भी काफी प्रचलित हो रहा है। अगर गोबर की बात की जाये तो किसान इसका प्रयोग खेत में खाद के रूप में करते रहे हैं, लेकिन अब इसका एक अनोखा प्रयोग होने लगा है वो है पेंट बनाने में।
कलेक्टर के निर्देश पर दंतेवाड़ा जिले में भी गोबर पेंट का उपयोग किया जा रहा है। जिले के बारसूर क्षेत्र में नगर पंचायत के नवनिर्मित कांजी हाउस को गोबर पेंट से रंगा गया है। जो कि देखने में काफी सुंदर एवं उच्च गुणवत्ता का प्रतीत होता है। जिला प्रशासन द्वारा इसके अधिकाधिक उपयोग हेतु विभागों से मांग पत्र भी आमंत्रित किये गये है। विभागों ने भी अपने-अपने मांग पत्र संबंधित के समक्ष प्रस्तुत कर दिये है। जिले के समीप स्थित ग्राम भैरमबंद के गौठान में जिला प्रशासन द्वारा मल्टी एक्टिीविटी सेंटर संचालित किया जा रहा है। जहां रीपा के माध्यम से आौद्योगिक इकाई स्थापित कर मल्टी एक्टिविटी सेंटर में गोबर पेंट यूनिट स्थापित किया गया है। गोबर पेंट की एंटी बैक्टीरीया, एंटी फंगल, इको फ्रेंडली, नेचुरल थर्मल इंसुलेटर, कॉस्ट इफेक्टिव, फ्री फ्राम हेवी मेटल, नॉन आक्सीस, और आर्डर लेस गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए इसके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। कुछ विभागों ने इस गोबर पेंट का उपयोग अपने कार्यालयों, सरकारी भवनों, नवनिर्मित भवन में करना भी शुरू कर दिया है। चूंकि कि गोबर पेंट दिखने में सुंदर, कम कीमत एवं अच्छी गुणवत्ता का पेंट है। इस पेंट की इन्ही सभी खूबियों के कारण आने वाले दिनों में इस पेंट की भारी मांग होने की संभावना है।