गौठान में साग-सब्जी की खेती बना महिलाओं की आय का जरिया

Update: 2023-03-24 02:42 GMT
उत्तर बस्तर कांकेर: जिले के सभी विकासखण्डों के विभिन्न ग्रामों में गौठान बनाए गये हैं, जहां पर गोधन न्याय योजनांतर्गत गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। इस कार्य में गांव की महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं भी अपना हाथ बंटा रही है। उनके द्वारा वर्मी कम्पोस्ट की छनाई के अलावा गौठान की भूमि में सब्जी-भाजी की खेती भी किया जा रहा है, जो उनकी अतिरिक्त आमदनी का जरिया बना हुआ है।
चारामा विकासखण्ड के आदर्श गौठान लखनपुरी में वैष्णवी स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गौठान की जमीन पर सब्जी-भाजी की खेती की जा रही है, जो उनकी अतिरिक्त आमदनी का जरिया बना हुआ है। उनके द्वारा गौठान के जमीन में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है, इसके अलावा वर्तमान में टमाटर, बैंगन एवं भिण्डी की फसल लगाई गई है। टमाटर एवं बैंगन का उत्पादन हो रहा है, जिसे स्थानीय हाट-बाजारों के अलावा आश्रम-छात्रावासों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में विक्रय किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती मंजू सेन एवं सचिव श्रीमती नंदिनी यादव ने बताया कि गौठान के जमीन पर उनके समूह की महिलाओं द्वारा साग-सब्जी की खेती किया जा रहा है, पहले लगभग 30 क्विंटल मूली बेचा गया है, जिससे 25 हजार रुपये की आमदनी हुई है। वर्तमान में टमाटर एवं बैगन की फसल लगाई गई है, लगभग 10 हजार रुपये का टमाटर और 05 से 06 हजार रुपये का बैंगन बेचा जा चुका है और अभी भी विक्रय किया जा रहा है, जिससे अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं द्वारा फेंसिंग पोल भी बनाया गया था, जिसके विक्रय से उन्हें 05 लाख 50 हजार रुपये की आमदनी हुई है।
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल ने आज उक्त गौठान का निरीक्षण किया एवं महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली और उन्हें आयवर्धक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। सब्जी-भाजी में टमाटर, बैंगन की फसल लेने के अलावा मिर्च, करेला इत्यादि की भी फसल लेने के लिए भी समझाइश दी, ताकि अधिक लाभ प्राप्त हो सके।
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