राजनांदगांव: इस बार होली का रंगों भरा पर्व समूह की महिलाओं के लिए बहुत खास रहा। उनका उल्लास और खुशी दुगुनी हुई है। समूह की महिलाओं ने फूल, पत्तियों, भाजियों से अनोखे प्राकृतिक रंग बनाये। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर महिला समूह ने 1 हजार 524 किलोग्राम हर्बल गुलाल निर्मित किया। जिले में 1 हजार 451 किलो ग्राम हर्बल गुलाल की बिक्री हुई, जिससे समूह की महिलाओं को 4 लाख 14 हजार रूपए का फायदा हुआ। राजनांदगांव जिले में निर्मित बिहान हर्बल गुलाल से मुख्यमंत्री निवास में होली उत्सव मनाया गया। बिहान हर्बल गुलाल से समूह की महिलाओं के जीवन में खुशी के रंग बिखरे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हैं। बिहान की महिलाओं ने गुलाल से गुलाबी, गेंदे से पीला, पलास से नारंगी, पालक एवं नीम से हरे रंग के बेहतरीन हर्बल गुलाल बनाये, जिनकी मार्केट में खूब डिमांड रही। समूह की महिलाओं ने मंदिर में चढ़ाये गये फूलों से उम्दा रंग बनाये। स्थानीय बाजार के साथ ही सी-मार्ट के माध्यम से बिहान हर्बल गुलाल की बिक्री हुई। इकोफ्रेंडली होने के कारण बिहान हर्बल गुलाल की मांग बढ़ी। रासायनिक रंगों के दुष्प्रभाव के कारण जनसामान्य ने भी हर्बल गुलाल की खरीदी की। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन में हर्बल गुलाल की बिक्री के लिये लगातार कार्य किया गया। जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार के निर्देशन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम ने बेहतरीन कार्य किया।
हर्बल गुलाल की आकर्षक पैकेजिंग ब्रांडिंग की गई। समूह की महिलाओं ने स्वयं पैकिंग का कार्य भी किया गया। शुद्ध हर्बल गुलाल तैयार कर आकर्षण पैकेजिंग ब्रांडिंग के साथ होली के अवसर पर सभी शासकीय अधिकारी, कर्मचारी, औद्योगिक संस्थाओं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विक्रय किया गया। छुरिया विकासखंड की गुलाब एवं माला आजीविका संकुल समूह की महिलाओं ने 875 किलो हर्बल गुलाल किया गया। जिसमें से 1 लाख 63 हजार रूपए के 815 किलो विक्रय किया। इसी तरह डोंगरगढ़ विकासखंड के जय सेवा जय बुढ़ादेव समूह की महिलाओं ने 175 किलोग्राम निर्माण किया गया, जिसमें से सभी का विक्रय कर 36 हजार रूपए प्राप्त किया। राजनांदगांव विकासखंड के स्वरधारा एफपीसी सुरगी समूह द्वारा 450 किलोग्राम निर्मित किया गया था, जिसमें से अब तक 437 किलोग्राम बिक्री कर 2 लाख 5 हजार रूपए प्राप्त किया। डोंगरगांव विकासखंड के खुशी उत्पादक गनेरी समूह की महिलाओं ने 24 किलो ग्राम हर्बल गुलाल निर्माण किया, जिसमें से 4 हजार 200 रूपए के 24 किलोग्राम की बिक्री की।