मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना शहरी क्षेत्र के लोगों के लिए बना संजीवनी

Update: 2022-12-15 03:38 GMT
कोण्डागांव: संवेदनशील राज्य सरकार की पहल पर शहरी स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु 1 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की गई। राज्य सरकार इस दिशा में प्रयासरत है कि समाज के हर वर्ग को मौलिक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हों। इस योजना के अंतर्गत अब पूरे राज्य के 169 नगरीय निकायों के शहरी स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा चिन्हांकित स्थानों पर पहुँचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा इस योजना के तहत् स्लम क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को परिवार नियोजन और उससे जुड़े संसाधनों के बारे में भी बताया जाता है। इस योजना से अब हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति तक घर पहुँच स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हो रही है। साथ ही अब लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए अस्पताल तक जाने, डॉक्टरों की फीस और दवाइयों के खर्च से भी राहत मिल रही है।
छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जिले में 1 मार्च 2022 से संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत कोंडागांव जिले के 3 नगरीय निकायों के 198 स्थानों में कैम्प लगाकर अब तक 10 हजार 544 लोगों का उपचार कर 8 हजार 609 लोगों को निःशुल्क दवा वितरण और 3 हजार 489 लोगों का निःशुल्क लेब टेस्ट किया जा चुका है। प्रति कैम्प औसतन 52 मरीज यहाँ उपचार के लिए आते हैं। जिसमें से नगरपालिका परिषद कोंडागांव में अब तक 114 स्थानों में कैम्प लगाकर 6 हजार 193 मरीजों का उपचार कर 4 हजार 801 मरीजों को निःशुल्क दवा वितरण किया गया एवं 2 हजार 038 मरीजों का निःशुल्क लेब टेस्ट किया गया, इस दौरान प्रति कैम्प मरीजों की औसतन संख्या 54 रही है। इसी प्रकार नगर पंचायत केशकाल में 46 स्थानों पर कैम्प लगाकर 2 हजार 394 मरीजों का उपचार कर 2 हजार 395 मरीजों को निःशुल्क दवा वितरण किया गया एवं 728 मरीजों का निःशुल्क लैब टेस्ट किया गया, वहीं प्रति कैम्प मरीजों की औसतन संख्या 52 रही। नगर पंचायत फरसगांव में 38 स्थानों पर कैम्प लगाकर 1 हजार 414 मरीजों का उपचार कर 1 हजार 956 मरीजों को निःशुल्क दवा वितरण किया गया एवं 651 मरीजों का लैब टेस्ट किया गया, वहीं प्रति कैम्प मरीजों की औसतन संख्या 51 रही। ये मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रत्येक महीने में 24 दिन कैम्प का आयोजन करती है। जिनमें से 12 दिन कैम्प कोंडागांव में, 6 दिन कैम्प केशकाल में और 6 फरसगांव में आयोजित की जाती है। इस मोबाइल मेडिकल यूनिट में डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और एक वाहन चालक होते हैं। इस मोबाइल मेडिकल यूनिट में 170 प्रकार की दवाइयाँ और मलेरिया, डेंगू, शुगर, उच्च रक्तचाप, सीबीसी, सिकलसेल, टीबी, थायराइड, टाइफाइड जैसे कुल 41 लैब टेस्ट किये जाते है। इसके अलावा गर्भवती माताओं का हर महीने स्वास्थ्य जांच भी किया जाता हैं। यहाँ ईसीजी और ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की भी व्यवस्था उपलब्ध है।
कोण्डागांव जिले के निवासी संतोष साहू बताते हैं कि वह काफी समय से सिकलसेल रोग से पीड़ित हैं। जब भी यहाँ शहरी श्रम स्वास्थ्य योजना की गाड़ी आती है, मैं अपना जांच करा कर निःशुल्क फॉलिक एसिड एवं अन्य दवाइयाँ प्राप्त करता हूँ। यह योजना स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए संजीवनी सबित हो रही है। बीपी और शुगर की जांच कराने आई श्रीमती पारसमणि कौशिक कहती हैं कि वह हर महीने यहाँ बीपी एवं शुगर की जांच कराने आती हैं और निःशुल्क शुगर की दवाइयाँ प्राप्त करती है। यहाँ की दवाइयों से मुझे अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है। शुगर और कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराने आयी श्रीमती लक्ष्मी साहू कहती हैं कि राज्य सरकार की यह योजना लोगों के स्वास्थ्य लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण साबित हो रही है। पहले लोग डॉक्टर और दवाइयों के खर्च के कारण अपना स्वास्थ्य जांच नहीं करते थे और समय रहते उन्हें बीमारी का पता नहीं चल पाता था, जिससे वे धीरे-धीरे गंभीर रोग से पीड़ित हो जाते थे। जब से यह योजना आई है, लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और दवाइयों की सुविधा मिल रही है। मैं प्रत्येक महीने यहाँ अपना जांच कराने सहित निःशुल्क दवाइयाँ लेकर जाती हूँ जिसके सेवन से मेरा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। स्वास्थ्य जांच करने आये सभी लोगों ने इस योजना की सराहना करते हुए राज्य सरकार को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।
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