भागदौड़ के इस दौर में मानव सेवा में आयुष चिकित्सा पद्धति निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका
जशपुरनगर: भाग-दौड़ की इस दौर में मानव सेवा में आयुष चिकित्सा पद्धति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आयुष विभाग द्वारा आमजनों को आयुष चिकित्सा के अनुरूप खुशहाल व स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर सुखी स्वस्थ जीवन जीने व आयुष चिकित्सा पद्धति को अपनाकर प्रकृति से जुड़े रहने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। आयुष विभाग का यह महत्वकांक्षी तथा जन कल्याणकारी कार्यक्रम जिले में पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रही है।
वर्तमान परिदृश्य में हर कोई किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। साथ ही अंग्रेजी दवाओं पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। ऐसे में आयुष विभाग की लोकप्रियता बढ़ रही है। आयुष चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य प्रदाताओं द्वारा रोगियों के स्वास्थ्य की निरंतर देखभाल की जा रही है तथा आवश्यक होने पर शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही आहार-विहार संबंधित दिशा-निर्देश भी रोगियों को दिए जा रहे है। जिससे वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ पा सके।
जिला जशपुर में अधिनस्थ 58 संस्थाएं हैं। जिसके अंतर्गत आयुष पॉलीक्लीनिक, आयुषविंग, थेरेपी सेंटर, क्लीनिक, आयुर्वेद, होम्योपैथी औषधालय सहित सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा संचालित हैं। विभाग द्वारा आयुर्वेद एवं होम्योपैथी औषधि तथा पंचकर्म, शिविर, स्वास्थ्य मेला सहित अन्य सेंटरों के माध्यम से कुल 17, 441 हितग्राहियों को औषधि वितरण कर निःशुल्क उपचार किया गया है। जिसके अंतर्गत आयुष संस्थाओं द्वारा ओपीडी के माध्यम से 11,387 हितग्राहियों लाभांवित किया गया है। इस प्रकार हाट बाजार शिविर द्वारा लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या 3080 है। सियान जतन क्लीनिक योजना में लाभावित हितग्राहियों की संख्या 1340, आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में लाभांवित योग हितग्राहियों की संख्या1169 एवं पंचकर्म में लाभांवित हितग्राहियों की संख्या 465 है।
आयुष विभाग द्वारा हाट-बाजार योजनांतर्गत प्रत्येक माह पाक्षिक रूप से 2 बार हाट-बाजार में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर समय-समय पर शिविर आयुष स्वास्थ्य मेला का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें वृहद रूप से आयुर्वेद का प्रचार प्रसार कर घरेलू औषधियों का उपयोग हेतु चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी जाती है। शिविर में आने वाले हितग्राहियों का उपचार तथा उनको निःशुल्क औषधि वितरण किया जाता है। स्कूली छात्र छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें स्वस्थ रहने के लिये जागरूकता प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार सियान जतन क्लीनिक योजना वृद्ध व्यक्तियों (60 वर्ष) का सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार को निःशुल्क पंजीयन, उपचार, औषधि वितरण किया जाता है। साथ ही पंचकर्म चिकित्सा की आवश्यकता वाले वृद्धजन को पंचकर्म चिकित्सा की सुविधा दी जा रही है।
योग शिविर का आयोजन एवं आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में प्रतिदिन योगाभ्यास जन सामान्य को कराया जा रहा है। वर्ष में 02 ब्लॉक स्तरीय तथा 01 जिला स्तरीय शिविर का आयोजन आयुष विभाग द्वारा सफलता पूर्वक किया जा रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आयुष काढ़ा का वितरण किया जा रहा है। आयुष विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहयोग किया जा रहा है। जिले में पदस्थ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा ग्रामीण जनों की सहायता से उनकी बाड़ियों में शत प्रतिशत मुनगा रोपण के साथ ही आंवला, तुलसी, हल्दी, गुडुची, नीम, करंज इत्यादि अन्य औषधीय पौधों का अधिक संख्या में रोपण किये जाने हेतु प्रेरित भी कर रहे है। आयुष मिशन योजना के तहत लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। शहर से लेकर गांव तक जगह-जगह शिविर लगाया जा रहा है। कैंप में लोगों को बताया जा रहा है कि आयुष के जरिए कैसे बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। मौसमी बिमारियों एवं उनसे बचाव के लिये हितग्राहियों को घरेलू उपचार के संबंध में जन जागरूकता लायी गयी है। जिसमें वृद्धावस्था योग, संतुलित आहार विहार, सहजन, रक्ताल्पता, कुपोषण से मुक्ति के संबंध में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही सूचना शिक्षा एवं संचार के माध्यम जैसे पाम्पलेट, ब्रोसर, फ्लेक्स द्वारा भी लोगों को अधिक संख्या में आयुष चिकित्सा पद्धति द्वारा सफलतापूर्वक उपचार हेतु जागरूक किया जा रहा है। जिससे यह योजना लोगों को भा रही है। और अधिक से अधिक आमजन योजना से जुड़ते जा रहे है।