गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने को कहा

Update: 2023-07-14 02:56 GMT
महासमुंद: कलेक्टर प्रभात मलिक ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सीडीपीओ और सुपरवाइजर के साथ बैठक कर उन्हें सुपोषण अभियान के बेहतर क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत श्री एस.आलोक, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री समीर पांडेय उपस्थित थे।
कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर भर्ती प्रक्रिया की परियोजना वार जानकारी ली और भर्ती प्रक्रिया समय अवधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए और भर्ती प्रकिया पूर्ण न होने पर कार्यवाही करने कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका सुनिश्चित करें और 15 दिवस के अंदर सभी ऑनलाइन एंट्री करके लक्ष्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि समय सीमा में लक्ष्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में और लापरवाही बरतने वाले सभी संबंधित कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने विभाग द्वारा किए गए सारे कार्यों को आंकड़ों के साथ नियमित रुप से एमआईएस में ऑनलाइन एंट्री समय पर करने के निर्देश दिए। श्री मलिक ने जिले के सभी ब्लॉक में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को नियमित समय पर खोलने तथा गुणवत्तापूर्ण भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को गर्म भोजन के साथ अतिरिक्त पोषण आहार में अंडा, रेडी टू ईट दिया जाए। बच्चों के परिजनों को भी पोषणयुक्त आहार की जानकारी दें और उसका पालन करने प्रेरित करें।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को सुपोषण अभियान के तहत सुपोषण चौपाल आयोजित करने के लिए कहा, ताकि आमजनों तक सीधी जानकारी पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में सुपोषण चौपाल का आयोजन किया जाए, जिससे गांव के लोगों से परिचय हो सके और वे खान-पान के प्रति जागरूक हो सके। इसी प्रकार उन्होंने गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए विशेष निगरानी के साथ उपचार कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत शून्य से 06 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार देने तथा गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत एएनसी चेकअप, पंजीयन और उनका हिमोग्लोबिन टेस्ट कराने तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गरम भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रत्येक आंगनबाड़ी भवन में बिजली, पंखे, पानी,शौचालय सहित मूलभूत व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए, इस पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में कुपोषण दर में कमी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को सतत मॉनिटरिंग के साथ-साथ मेहनत और लगन से कार्य करने को कहा।
कलेक्टर ने बैठक में समीक्षा करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले के साथ आपसी सामंजस्य बनाकर महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए कार्य करें। इसके लिए आंगनबाड़ी, स्कूल एवं गांवों में सर्वे कर हितग्राहियों का चिन्हांकन करें, जिससे गंभीर मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चा छुटने ना पाए इसका विशेष ध्यान रखें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुपरवाईजर को स्वास्थ्य विभाग की टीम के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों को लाभ दिये जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हुए चिन्हांकित बच्चों का एनआरसी के माध्यम से लाभ देने के लिए कहा है। बैठक में जिला महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी ,ब्लॉक के सीडीपीओ और सुपरवाइजर उपस्थित थे।
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