39 शहद संग्रहकों परिवारों को डंक रोधी किट वितरित

Update: 2023-06-15 02:33 GMT
कवर्धा: वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के लाखों वनोपज संग्रहक परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कार्य कर रही है। स्थानीय स्तर पर वनोपज से जुड़े रोजगार का सृजन किया जा रहा है। वनोपज का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया है। इन कार्यों से लाखों परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है। वन मंत्री श्री अकबर कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड ग्राम भोथी में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 39 शहद संग्रहक परिवाारों को डंक रोधी किट वितरित किए। उन्होंने कवर्धा के सिग्नल चौक से लालपुर मार्ग कुल तीन किलोमीटर की नवीन डामरीकृत सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। इस कार्य के लिए 1 करोड़ 72 लाख रूपए की स्वीकृत की गई।
वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि राज्य सरकार सात प्रकार के वनोपज को बढ़ाकर 65 प्रकार के वनोपज खरीदी कर रही है। वर्ष 2018-19 से 22-23 तक 30.35 लाख क्विंटल लघुवनोपज मूल्य 356.44 करोड रूपए की खरीदी कर देश में पहले स्थान प्राप्त किया है। इसी प्रकार हमारी सरकार ने महुआ फूल 17 रूपए से बढ़ाकर 33 रूप्ए किया। इमली प्रति किलो 25 से बढ़ाकर 36 रूपए किए। चिरौजी 93 रूपए से बढ़ाकर 126 रूपए किए। रंगीनी लाख 130 से बढ़ाकर 220 रूपए, कुसुमी लाख 200 से बढ़ाकर 300 रूपए, शहद 195 रूपए से बढ़ाकर 225 रूप्ए किए। तेन्दूपत्ता 25 सौ रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किए। छत्तीसगढ़ में वनोपज का समर्थन मूल्य बढ़ने से वनसंग्राहक से जुड़े राज्य के लाखों परिवारों को संबल मिला है। भूपेश सरकार के प्रति वनोपज संग्राहक परिवारों को विश्वास और भरोसा बढ़ा है।
वनमंत्री श्री अकबर ने कहा कि वनोपज में शहद का भी महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश के लाखों परिवार शहद संग्रहण कार्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप् से जु़ड़ कर काम कर रहे। उन्होने कहा कि शहद संग्रहण करने वाले परिवारों की सुरक्षा की चिंता सरकार कर रही है, इसलिए उनके लिए डंग रोधी कीट का वितरण पूरे प्रदेश भर में किया जा रहा है। इससे राज्य में शहद प्रसंसकरण करने में और तेजी आएगी और रोजगार के नए अवसर भी मिलेगे।
शहद संग्रहण करने वाले परिवारों ने 45 लाख और प्रंसंस्करण केन्द्र ने 54 लाख रूपए का व्यवसास किया
वनमंडलाअधिकारी श्री सिंह ने बताया कि डंग रोधी किट मिलने से जिले में शहद संग्रहण के कार्याे में और तेजी आएगी। कवर्धा वन मंडल के अंतर्गत जहाँ पूर्व में 50.00 क्विंटल शहद प्रसंस्करण हेतु प्राप्त होता था। अब 200 क्विंटल तक वर्षभर में प्राप्त हो जाता है। शहद संग्राहकों को अब 225.00 रूपए प्रति कि.ग्रा. का भुगतान उनके बैंक खातों में किया जा रहा है। इस प्रकार 45 लाख रूपए की आय लगभग 200 हितग्राहियों को हो रही है। इसके अतिरिक्त बोड़ला शहद प्रसंस्करण केन्द्र में वर्ष 2021-22 में 169.25 क्विंटल प्रसंस्कृत शहद विक्रित किया गया जिससे स्व-सहायता समूहों को 54 लाख 80 हजार रूपए. बिक्री राशि प्राप्त हुई थी।
Tags:    

Similar News

-->