मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 250 जोड़े बंधे विवाह बंधन में

Update: 2023-03-01 03:14 GMT
महासमुंद: महासमुंद के संजय कानन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 250 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। इस अवसर पर संसदीय सचिव व विधायक श्री विनोद चंद्राकर, कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया साथ ही सुखी दाम्पत्य की शुभकामना भी दी साथ ही उपहार भेंट किए। उन्होंने कहा कि निर्धन कन्याओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वरदान है। इस योजना के माध्यम से फिजुल खर्च एवं दहेज प्रथा जैसे कुरीतियों को समाप्त करने का एक अच्छा माध्यम है। अब ऐसे कन्याओं के माता-पिता को आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा।ज़िला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री समीर पाण्डे ने बताया कि आज मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में आज 250 जोड़े विवाह बंधन में बंधे । इस अवसर पर ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ऊषा पटेल, अध्यक्ष नगरपालिका श्रीमती राशि महिलांग, रश्मि चंद्राकर, स्काउट गाइड के जिलाध्यक्ष श्री दाऊलाल चन्द्राकर, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि शादी सामजिक जीवन में एक महत्वपूर्ण अंग है। यह वर-वधु का नहीं बल्कि दो दिलों का मिलन और दो परिवारों का एक होना भी है। उन्होंने कहा कि समाज में हम सब की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चाहे वो सामाजिक, संस्कृति, आर्थिक किसी भी क्षेत्र में हो। हम सबको मिल-जुलकर अपने दायित्वों का निर्वहन करना होता है. राज्य सरकार ने जनता की बेहतरी के लिए कई बेहतर योजनाएं बनाई है जिनमे से एक है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना जिनका फायदा राज्य के हर वर्ग के गरीब व्यक्ति को मिल रहा है। साथ ही कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास विभाग की टीम को भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत् प्रति जोड़ा 25 हजार रुपए का व्यय निर्धारित है। जिसमें 5 हजार रुपए वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, आभूषण पर, 5 हजार रूपए विवाह के आयोजन पर, 14 हजार रुपए प्रोत्साहन सामग्री व 1 हजार बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से वधु को दिया जाता है। नवविवाहित जोड़ों को जीवनोपयोगी विभिन्न सामग्रियां जैसे कुकुर, बर्तन गद्दा, आलमीरा, वैवाहिक वस्त्र, मंगलसूत्र, बिछिया, पायल, वैवाहिक वस्त्र, श्रृंगार सामग्रियां आदि उपहार स्वरूप प्रदान किए जाते है। इसके अतिरिक्त विवाह का आयोजन शासकीय स्तर पर किया जाता है।
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