Zomato और स्विगी पर लगे 35 फीसदी कमीशन लेने के आरोप, NRAI ने कही ये बात

एनआरएआई ने अतिरिक्त सूचना में आरोप लगाया कि जोमैटो और स्विगी ने 2020-21 में आर्डर वैल्यू का 25 से 35 प्रतिशत कमीशन लिये

Update: 2021-07-12 15:45 GMT

नेशनल रेस्टुरेंट एसोसएिशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने सोमवार को कहा कि उसने खाना आर्डर देने के डिजिटल प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी के खिलाफ गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप को लेकर अतिरिक्त सूचना भारतीय प्रतिस्पर्धा अयोग (सीसीआई) के पास जमा की है. इससे पहले, पांच जुलाई को एसोसिएशन ने कहा था कि जोमैटो और स्विगी की गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों से रेस्तरां के हित प्रभावित हो रहे हैं. इसी को ध्यान में रखकर उसने एक जुलाई को सीसीआई के समक्ष आवेदन दिया था.


एनआरएआई ने अतिरिक्त सूचना में आरोप लगाया कि जोमैटो और स्विगी ने 2020-21 में आर्डर वैल्यू का 25 से 35 प्रतिशत कमीशन लिये. साथ ही कई ऐसे उदाहरण हैं, जब दोनों डिजिटल कंपनियों ने भुगतान में देरी की. इससे भागीदारों के नकदी प्रवाह पर असर पड़ा है. संगठन के अनुसार, ''जोमैटो और स्विगी अपने प्लेटफॉर्मों पर रेस्तरां के नाम बेहतर तरीके से दिखाने को लेकर छूट देने का दबाव बनाते हैं. इन दोनों ने पूरी लागत का बोझ रेस्तरां पर डाल दिया है.''
एनआरएआई ने एक बयान में कहा कि जोमैटो तथा स्विगी की गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों से रेस्तरां प्रभावित हो रहे हैं. संगठन ने कहा कि हमने अपनी अर्जी में आंकड़ों की सही जानकारी नहीं देने, अधिक कमीशन लेने, काफी छूट देने, प्लेटफोर्म के न्यूट्रल होने के नियम का उल्लंघन और पारदर्शिता के अभाव जैसे मुद्दों को रखा है. एनआरएआई ने कहा कि हम जोमैटो और स्विगी चेतावनी देते हैं कि अगर उन्होंने एक जैसी कीमत रखी तो संबंधित रेस्तरां के नाम अपने प्लेटफॉर्म से हटा देंगे. ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें कुछ भागीदारों को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है क्योंकि उन्होंने अन्य चैनलों पर उपभोक्ताओं को कुछ बेहतर दरों की पेशकश की है.

इस बारे में जोमैटो और स्विगी को ई-मेल भेजकर उनकी टिप्पणियां मांगी गयी, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

एनआरएआई के अध्यक्ष अनुराग कतरियार ने कहा, "हमने क्षेत्र को प्रभावित करने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिये पिछले 15-18 महीनों में जोमेटो और स्विगी से लगातार बातचीत की. हालांकि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद हम समस्याओं को सुलझाने में असमर्थ रहे." कतरियार ने कहा कि इसीलिए हमने अब सीसीसीआई में अर्जी देकर मामले में विस्तार से जांच का आग्रह किया है.
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