दोबारा लॉन्‍च हुई ZED सर्टिफिकेशन योजना, उद्मियों को मिलेंगे फायदे

भारतीय कंपनियों को वैश्विक कंपनियों से मुकाबला करने में बनाएगा सक्षम

Update: 2022-04-29 08:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने जेडईडी योजनाके नए संस्‍करण को लॉन्‍च करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्‍य न केवल वेस्‍टेज को कम करते हुए उत्‍पादकता बढ़ाना है बल्कि उद्मियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित भी करना है.

उन्‍होंने कहा कि जेडईडी सर्टिफिकेशन भारतीय कंपनियों को वैश्विक कंपनियों से मुकाबला करने में सक्षम तो बनाएगा ही,
साथ ही व्‍यवसाय के लिए पूंजी जुटाने में भी मदद करेगा.केंद्र सरकार ने जीरो डिफेक्‍ट जीरो इफेक्‍ट सर्टिफिकेशन योजना को अब दोबारा नए रूप में लॉन्‍च किया है.
सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों के लिए चलाई गई योजना का उद्देश्‍य छोटे-मझोले उद्यमों में वेस्‍टेज को कम करते हुए उन्‍हें पर्यावरण हितैषी तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करना है.
जेडईडी सर्टिफिकेशन अपनाने वाले उद्योगों को सरकार कई तरह की सुविधाएं भी प्रदान करेगी.
जेडईडी सर्टिफिकेशन अपनाने के लिए सरकार सब्सिडी देगी. सूक्ष्म उद्यमों जेडईडी सर्टिफिकेशन लागत पर 80 प्रतिशत, लघु उद्यमों को 60 प्रतिशत और मध्यम उद्यमों में 50 प्रतिशत सब्सिडी सरकार प्रदान करेगी.
महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई तथा पूर्वोत्तर राज्य,हिमालयी इलाकों, नक्सल प्रभावित इलाकों, द्वीपों और आकांक्षी जिलों में स्थित एमएसएमई को 10 प्रतिशत अतिरिक्‍त सब्सिडी दी जाएगी.
MSMEsकी उत्‍पादकता को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण में उनका योगदान बढ़ाने के लिए इस स्‍कीम को लॉन्‍च किया गया है. जेडईडी सर्टिफिकेशन प्राप्‍त करने के लिए कुछ मानक तय किए हैं जिनका पालन उत्‍पाद के निर्माण के वक्‍त करना होता है.
एक उत्‍पाद के निर्माण में उद्योग द्वारा निकाले जा रहे कचरे, ऊर्जा खपत और पर्यावरण को हो रहे नुकसान आदि के आधार पर ही उद्यम के उत्‍पाद को रेटिंग दी जाती है. रेटिंग की चार कैटेगरी- ब्राउन, गोल्ड, डायमंड और प्लेटिनियम हैं. जेडईडी सर्टिफिकेशन के लिए पहले 50 मानक तय किए गए थे.
अब एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा कि इनमें कमी की जाएगी, क्‍योंकि उद्मियों का कहना है कि इन सभी मानकों पर खरा उतरना संभव नहीं है.
Tags:    

Similar News

-->