यस बैंक को वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हुआ 129.37 करोड़ रुपये शुद्ध मुनाफा...50 ब्रांच बंद करने का फैसला
यस बैंक की आर्थिक सेहत धीरे-धीरे सुधर रही है. यस बैंक (Yes Bank) ने वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 129.37 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है. यस बैंक को यह लाभ फंसे कर्ज में बढ़ोतरी के बावजूद हुआ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | यस बैंक की आर्थिक सेहत धीरे-धीरे सुधर रही है. यस बैंक (Yes Bank) ने वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 129.37 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है. यस बैंक को यह लाभ फंसे कर्ज में बढ़ोतरी के बावजूद हुआ है. बैंक को समान अवधि में सालभर पहले 600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
बैंक का एनपीए (NPA) बढ़ा
यस बैंक ने शेयर बाजारों को बताया कि आलोच्य अवधि के दौरान उसकी कुल आय साल भर पहले के 8,347.50 करोड़ रुपये से कम होकर 5,952.1 करोड़ रुपये रह गई. हालांकि इस दौरान बैंक का एनपीए (NPA) बढ़ा है. बैंक की स्थिति और बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके बारे में बैंक से सीईओ प्रशांत कुमार ने जानकारी दी.
दूसरी तिमाही के नतीजे उत्साहित
बैंक के सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा कि हमने फंड जुटाने से लेकर कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, उन्होंने बताया कि दूसरी तिमाही के नतीजे उत्साहित करने वाला है. बैंक अब रिकवरी मोड में है और मैं इसकी प्रगति से संतुष्ट हूं.
50 ब्रांच बंद करने का फैसला
दरअसल, करीब 7 महीने पहले जब प्रशांत कुमार ने यस बैंक की जिम्मेदारी संभाली थी, उस समय बैंक आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा था. प्रशांत कुमार ने कहा कि बैंक की आर्थिक स्थिति को और बेहतर करने के लिए यस बैंक अपनी 50 ब्रांच बंद करने जा रहा है. क्योंकि कई जगहों पर शाखाएं बिल्कुल पास-पास हैं, जो जरूरी नहीं है.
खर्च में 20 फीसदी की कटौती का लक्ष्य
दरअसल, नए प्रबंधन के तहत निजी क्षेत्र का यह बैंक चालू वित्त वर्ष 2020-21 में परिचालन खर्च में 20 फीसदी की कटौती का लक्ष्य लेकर चल रहा है. इसके लिए बैंक पट्टे पर लिए गए गैरजरूरी स्थलों को वापस कर रहा है. इसके अलावा बैंक सभी 1,100 शाखाओं के लिए किराये पर नए सिरे से बातचीत कर रहा है.
ATM भी हो सकते हैं कम
ATM भी हो सकते हैं कम
इसके अलावा प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएम की संख्या को भी सुसंगत किया जा रहा है. बैंक का कैपिटल बढ़ाने के लिए प्रशांत कुमार ने मार्च 2021 तक 2 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि इस कारोबारी साल में कोरोना महामारी के कारण 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए एसेट्स स्ट्रेस्ड श्रेणी में आ गए हैं.