लोकसभा में लिखित जवाब

Update: 2023-08-10 04:06 GMT

वित्तीय साल के दौरान बट्टे खाते में डाले गए कर्ज वित्तीय साल (वित्त वर्ष) 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में वित्तीय साल के दौरान बट्टे खाते में डाले गए ऋणों में सही वसूली (नेट राइट-ऑफ) 1.18 लाख करोड़ रुपये थी।

संसद को सोमवार को सूचित किया गया कि 2014-15 से प्रारम्भ होने वाले पिछले नौ वित्तीय सालों में बैंकों ने 14.56 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए हैं। कुल 14,56,226 करोड़ रुपये में से बड़े उद्योगों और सेवाओं के बट्टे खाते में डाले गए कर्ज 7,40,968 करोड़ रुपये थे।

वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बोला कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने अप्रैल, 2014 से मार्च, 2023 तक कॉर्पोरेट कर्ज सहित बट्टे खाते में डाले गए ऋणों में कुल 2,04,668 करोड़ रुपये की वसूली की है।

उन्होंने एक अन्य उत्तर में जानकारी दी कि वित्तीय साल के दौरान बट्टे खाते में डाले गए कर्ज वित्तीय साल (वित्त वर्ष) 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में वित्तीय साल के दौरान बट्टे खाते में डाले गए ऋणों में सही वसूली (नेट राइट-ऑफ) 1.18 लाख करोड़ रुपये थी। जो वित्त साल 2021-22 में घटकर 0.91 लाख करोड़ रुपये और वित्त साल 2022-23 में 0.84 लाख करोड़ रुपये (आरबीआई अनंतिम डेटा) हो गया है।

उन्होंने बोला कि वित्त साल 2022-23 में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों द्वारा सही राइट-ऑफ कर्ज 73,803 करोड़ रुपये था। वित्त साल 2017-18 और वित्त साल 2022-23 में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में प्रारंभिक सकल कर्ज और अग्रिम के फीसदी के रूप में सही राइट-ऑफ क्रमशः 1.25 फीसदी और 1.57 फीसदी था, और पीएसबी के लिए यह 2 फीसदी और 1.12 फीसदी था।

उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट और आरबीआई द्वारा एनपीए को कम करने और पुनर्प्राप्त करने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं, जिसके कारण पीएसबी का सकल एनपीए 31 मार्च, 2018 को 8.96 लाख करोड़ रुपये से घटकर 31 मार्च, 2023 तक 4.28 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस संबंध में गवर्नमेंट द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बोला कि वित्तीय संपत्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा भलाई प्रवर्तन अधिनियम, 2002 को और अधिक कारगर बनाने के लिए इसमें संशोधन किया गया है।

मंत्री ने बोला कि कर्ज वसूली न्यायाधिकरण का आर्थिक क्षेत्राधिकार 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है ताकि डीआरटी उच्च मूल्य वाले मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकें, जिसके रिज़ल्ट स्वरूप बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए अधिक वसूली होगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा, नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) को एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य 500 करोड़ रुपये से अधिक की तनावग्रस्त संपत्तियों का निवारण करना है।

उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट ने तनावग्रस्त कर्ज परिसंपत्तियों को प्राप्त करने के लिए कर्ज देने वाले संस्थानों को एनएआरसीएल द्वारा जारी सुरक्षा रसीदों को वापस करने के लिए 30,600 करोड़ रुपये तक की गारंटी देने को भी स्वीकृति दे दी है। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, कराड ने बोला कि एसबीआई के बोर्ड ने 9 जून, 2023 को हुई अपनी बैठक में 50,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाने की स्वीकृति दे दी थी, जो बेसल III अनुपालन एटी -1 बांड का गठन करती है। वित्त साल 2023-24 के दौरान बैंक द्वारा 20,000 करोड़ रुपये की राशि, टियर -2 बांड 10,000 करोड़ रुपये की राशि तक और बुनियादी ढांचा बांड 20,000 करोड़ रुपये की राशि तक।

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