आर्थिक मोर्चे पर बुधवार का दिन आंकड़ों भरा रहा. पहले मार्च तिमाही (Q4 GDP Data) और पिछले वित्त वर्ष के जीडीपी के शानदार आंकड़ों ने खुश होने का मौका दिया, दूसरी ओर इंडस्ट्रियल ग्रोथ के आंकड़े ने निराश कर दिया. इस बीच रुपये ने भी खुशियों को गायब करने वाली खबर सुना दी. दरअसल मई महीना भारतीय रुपये (INR) के लिए इस साल का अब तक का सबसे खराब महीना साबित हुआ है.
अभी इतनी है रुपये की वैल्यू
बुधवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 82.7225 पर लगभग स्थिर बंद हुआ. बुधवार मई महीने का अंतिम कारोबारी दिन रहा. इसके बाद जून महीने आ रहा है. मई महीने के आंकड़े को देखें तो इस दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू में करीब 1 फीसदी की गिरावट आई है. इस तरह मई रुपये के लिए 2023 का सबसे बुरा महीना बन गया. यह दिसंबर 2022 के बाद किसी एक महीने के दौरान रुपये की वैल्यू में आई सबसे बड़ी गिरावट है.
रिजर्व बैंक के प्रयास नाकाफी
लगातार मजबूत होते अमेरिकी डॉलर (USD) से दुनिया भर की कई करेंसीज (Global Currencies) की हालत खराब हो रही है. बाकियों की तुलना में तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति में होने के बाद भी भारतीय करेंसी (Indian Currency) भारी नुकसान में है. हालिया समय में तो रिजर्व बैंक ने रुपये को बचाने के तमाम उपाय किए हैं और बड़े पैमाने पर उसने अपने भंडार से डॉलर को खर्च किया है, लेकिन उसके सारे प्रयास रुपये को बचाने में असफल साबित हो रहे हैं.
युआन में भारी गिरावट
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो बुधवार को भी रुपये ने तुलनात्मक तौर पर ठीक प्रदर्शन किया. दिन में चीन की करेंसी युआन में अच्छी-खासी गिरावट आई, जिसने अन्य एशियाई मुद्राओं को नीचे खींचा और डॉलर को मजबूत किया. युआन में सिर्फ एक दिन में 0.4 फीसदी की गिरावट आई. इस तरह चीन की करेंसी छह महीने के निचले स्तर के पास गिर गई.