कोरोना महामारी के कारण महामंदी के बाद सबसे ख़राब दौर से गुजर रही है दुनिया: विश्व बैंक

विश्व बैंक के प्रेजिडेंट डेविड मालपास का कहना है कि 1930 के दशक की महामंदी के बाद दुनिया कोरोनावायरस के कारण सबसे खराब...

Update: 2020-10-15 09:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वॉशिंगटन, विश्व बैंक (World Bank) के प्रेजिडेंट डेविड मालपास का कहना है कि 1930 के दशक की महामंदी (Great Depression) के बाद दुनिया कोरोनावायरस के कारण सबसे खराब दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी (कई विकासशील और गरीब देशों के लिए आपदा से कम नहीं है।

मालपास ने इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक शुरू होने से पहले संवाददाताओं से कहा कि इस महामारी ने ग्लोबल इकॉनमी को झकझोर कर रख दिया है और कई देशों के कर्ज को मकड़जाल में फंसने का जोखिम पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, 'मंदी बहुत गहरी है, यह महामंदी के बाद सबसे खराब स्थिति है। कई विकासशील और गरीब देशों के लिए यह सही मायनों में मंदी है। एक तरह की आपदा है। इससे दुनिया में गरीबों की संख्या बढ़ रही है।'

k-shaped रिकवरी

विश्व बैंक के प्रेजिडेंट ने कहा कि इस बैठक में इन विषयों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक दुनिया को इस स्थिति से उबारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दुनिया में अभी k-shaped रिकवरी हो रही है। इसका मतलब है कि विकसित देश फाइनैंशियल मार्केट्स और ऐसे लोगों को सपोर्ट करने में सफल रहे हैं जो घर से काम कर सकते हैं। लेकिन अनौपचारिक इकॉनमी में काम करने वालों की नौकरी चली गई है और वे सोशल प्रोटेक्शन प्रोग्राम पर निर्भर हैं।

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